मूंगफली में पीले फूल आएं तो ये संकेत समझ लें, किसान तुरंत शुरू कर दें बड़ी तैयारी

मूंगफली में पीले फूल आएं तो ये संकेत समझ लें, किसान तुरंत शुरू कर दें बड़ी तैयारी

मूंगफली की फसल प्रमुख तिलहन फसल है. किसानों के लिए यह नकद का सौदा है क्योंकि यह फसल नकदी में गिनी जाती है. मूंगफली की खेती करने वाले किसानों को ध्यान रखना चाहिए कि जब पौधे में पीले फूल दिखें तो उन्हें पोषक तत्व प्रबंधन को लेकर सचेत हो जाना चाहिए.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 06, 2025,
  • Updated Aug 06, 2025, 6:45 AM IST

मूंगफली की खेती में किसानों को ध्यान रखना चाहिए कि फूल के स्टेज में सावधान हो जाएं. फूल ही बाद में फल के रूप में बदलता है और किसान को कमाई देता है. बाकी फसलों की तरह मूंगफली में फूल का स्टेज सबसे अहम होता है क्योंकि इसके बाद ही जमीन के नीचे फल बनना शुरू होता है. फूल जितने स्वस्थ और पुष्ट होंगे, फल भी उतने ही हेल्दी होंगे. इससे फलों में तेल की मात्रा अधिक होगी. अगर मूंगफली फसल में पीले फूल दिखने लगें तो इसका मतलब होता है कि पौधा विकास के स्टेज में तेजी से आगे बढ़ रहा है. इससे यह भी पता चलता है कि फसल को अधिक से अधिक पोषक तत्व की जरूरत है. पोषक तत्व अधिक देने से फसल मजबूत होगी और फल में तेल की मात्रा अधिक होगी.

मूंगफली में चमकीले पीले रंग के फूल आते हैं जो कि जुलाई महीने में खिलते हैं. ये फूल खुद ही परागण करते हैं और परागण के बाद फूल की तली पर एक पेग नाम की संरचना बनती है. यही पेग बढ़ना शुरू होती है और बाद में जमीन में चली जाती है. पहले तो यह संरचना जमीन में बढ़ती है फिर जमीन के अंदर ही क्षैतिज दिशा में बढ़ती है. इन्हीं शाखाओं में मूंगफली की फली विकसित होती है जो जमीन के अंदर बनती है. इसलिए आप पाएंगे कि पीले फूल का महत्व मूंगफली की खेती में कितना अधिक है.

पीले फूल के लिए ध्यान रखें जरूरी बातें

अगर आप किसान हैं तो ध्यान रखना है कि फूलों का विकास अच्छा हो. फूल कमजोर होकर गिरे नहीं वरना इससे फली बनने में भी परेशानी आएगी. इससे उपज में गिरावट आ सकती है. इसे देखते हुए किसानों को फूल को स्वस्थ बनाए रखना है. इसका सबसे अच्छा उपाय है कि पौधे में पोषक तत्वों का प्रबंधन ठीक रखें. समय पर खेत में पोषक तत्व और खाद का छिड़काव करें. कौन सा पोषक तत्व कब देना है, कौन सी खाद कितनी मात्रा में और कब देनी है, इसके बारे में किसी एक्सपर्ट से जानकारी लें और उसी हिसाब से छिड़काव करें.

मूंगफली की फसल को स्वस्थ रखने या बीमारियों से दूर रखने के लिए उर्वरक का बड़ा रोल होता है. इसके लिए फसल में नाइट्रोजन डाला जाता है. एक हेक्टेयर खेत में 15 किलो नाइट्रोजन और 60 किलो फॉस्फोरस डाला जाता है. खेत में 250 ग्राम जिप्सम डालने की सलाह दी जाती है जो कि मूंगफली में तेल की मात्रा को बढ़ाता है. इससे मूंगफली के दाने भी बड़े होते हैं.

फूल निकलते वक्त ये खाद जरूर दें

एक सबसे खास सलाह ये है कि मूंगफली में नाइट्रोजन की मात्रा अधिक न डालें क्योंकि यह उसके पकने की अवधि को बढ़ा देता है. नाइट्रोजन की आधी मात्रा और फास्फेट और पोटाश की पूरी मात्रा को फसल की बुआई के समय ही डालना चाहिए. बाद में इसका उपयोग कम कारगर साबित होता है. जब फसल में पीले फूल दिखने लगें तो जिप्सम और नाइट्रोजन की शेष आधी मात्रा को डाल देना चाहिए. किसानों को मूंगफली में जिप्सम से टॉप ड्रेसिंग करनी चाहिए जिसका फायदा फूलों के स्वस्थ रखने में मिलता है.

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