कान्हा गौशाला को लेकर नई पहल, यूपी हर जिले में सौंपी गई इन अधिकारियों की जिम्मेदारी, पढ़ें एक्शन प्लान

कान्हा गौशाला को लेकर नई पहल, यूपी हर जिले में सौंपी गई इन अधिकारियों की जिम्मेदारी, पढ़ें एक्शन प्लान

UP News: निरीक्षण रिपोर्ट में संरक्षित गौवंशों की संख्या, चारा-पानी की उपलब्धता, जल निकासी, ईयर टैगिंग, टीकाकरण, चिकित्सा सुविधा, कर्मचारियों की उपस्थिति, सीसीटीवी निगरानी, अपशिष्ट निस्तारण और शेड की दशा जैसी सभी महत्त्वपूर्ण जानकारियां शामिल होंगी.

कान्हा गौशालाओं को अब समाज का संरक्षण भीकान्हा गौशालाओं को अब समाज का संरक्षण भी
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Jul 24, 2025,
  • Updated Jul 24, 2025, 9:39 AM IST

उत्तर प्रदेश में कान्हा गौशालाओं के बेहतर संचालन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नगर विकास विभाग ने एक महत्त्वपूर्ण पहल शुरू की है. नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात की अध्यक्षता में हुई राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में सभी नगर निगमों के नगर आयुक्तों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी-अपनी कान्हा गौशालाओं का भौतिक निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट नगरीय निकाय निदेशालय को उपलब्ध कराएं.

ईयर टैगिंग से लेकर चारे तक 

निरीक्षण रिपोर्ट में संरक्षित गौवंशों की संख्या, चारा-पानी की उपलब्धता, जल निकासी, ईयर टैगिंग, टीकाकरण, चिकित्सा सुविधा, कर्मचारियों की उपस्थिति, सीसीटीवी निगरानी, अपशिष्ट निस्तारण और शेड की दशा जैसी सभी महत्त्वपूर्ण जानकारियां शामिल होंगी.

कान्हा गौशालाओं को अब समाज का भी संरक्षण 

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि समाज की भागीदारी बढ़ाकर गौशालाओं के संचालन को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और सतत बनाया जाएगा. प्रमुख सचिव अभिजात ने स्पष्ट किया कि कान्हा गौशालाओं को ‘गोद लेने’ की व्यवस्था से निजी संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों और स्थानीय गौप्रेमियों को जोड़ा जाए. इससे एक ओर गौवंश संरक्षण की परंपरा को मजबूती मिलेगी, तो दूसरी ओर संचालन में मानवीय संवेदना और गुणवत्ता का समावेश होगा.

सोशल मीडिया के जरिए होगा प्रचार प्रसार

नगर निकायों को निर्देशित किया गया है कि इस योजना का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाए. समाचार पत्रों, सूचना पट्टों, वेबसाइट, सोशल मीडिया और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से स्थानीय लोगों को जोड़ने के प्रयास हों, ताकि गौ सेवा केवल सरकारी कार्यक्रम न रहकर एक जनसहभागिता आधारित स्थायी मॉडल बन सके.
 
इस नई व्यवस्था से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश सरकार गौसेवा को केवल दायित्व नहीं, बल्कि संस्कृति और समाज के प्रति प्रतिबद्धता मानकर काम कर रही है. कान्हा गौशालाएं अब केवल संरक्षित गौवंश की देखरेख तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि जनआस्था और प्रशासनिक निगरानी के समन्वय का मॉडल बनेंगी.

मेरठ की कान्हा उपवन गोशाला में बड़ी लापरवाही

दरअसल, मेरठ की कान्हा उपवन गोशाला में 12 जुलाई 2025 को सोशल मीडिया पर बदहाल स्थिति को दर्शाने वाला एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दयनीय परिस्थितियों में गोवंशों को दिखाया गया. मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुए गोशाला संचालन से जुड़ी दो आउटसोर्सिंग फर्मों- जैन कंप्यूटर्स और शिवम इंटरप्राइजेज के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी. सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि प्रदेश में कान्हा गोशाला के रखरखाव में कमी एवं लापरवाही बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

ये भी पढ़ें-

यूपी में अगले 24 घंटे के अंदर दोबारा एक्टिव होगा मॉनसून, झमाझम होगी बारिश, देखिए IMD का ताजा अपडेट

Farmer Income: डिजिटल प्लेटफॉर्म से कैसे बढ़ रही किसानों की आमदनी, सरकार ने उठाए हैं कई कदम

Animal Death: बाढ़ में पशु मृत्यु होने पर इतने रुपये मुआवजा देती है सरकार, नई स्कीम के बारे में जान लें किसान

MORE NEWS

Read more!