मत्स्य अधिकारी गौरव सिन्हा ने बताया कि ग्राम समाज के कई खाली पट्टे तालाब के होने हैं. वहीं आवेदकों को वरीयता देने के सवाल पर उन्होंने बताया कि मछुआ समुदाय (निषाद- कश्यप) के लोगों को पहली प्राथमिकता दी जाती है.
समय से इलाज नहीं होने पर पशु की मौत तक हो जाती है. यह रोग यह बीमारी संक्रामक वायरस आप्थो से होती है. संक्रमित जानवरों के लार, मूत्र और मल के माध्यम से अन्य पशुओं में बीमारी फैलती है.
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन डायरेक्टर दीपा रंजन ने बताया कि ग्रामीणों की आय बढ़ाने एवं उच्च गुणवत्ता के दुधारु पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं.