Animal Death: बाढ़ में पशु मृत्यु होने पर इतने रुपये मुआवजा देती है सरकार, नई स्कीम के बारे में जान लें किसान

Animal Death: बाढ़ में पशु मृत्यु होने पर इतने रुपये मुआवजा देती है सरकार, नई स्कीम के बारे में जान लें किसान

बाढ़ में अगर पशु की मृत्यु होती है तो सरकार किसानों को मुआवजा देती है. सहाय्य अनुदान स्कीम के तहत किसानोंं और पशुपालकों को मदद राशि दी जाती है. इसके लिए सरकार ने प्रति पशु सहायता राशि की सीमा तय की है. तो आइए जान लेते हैं कि किसान इस स्कीम की मदद कैसे ले सकते हैं.

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बाढ़ में पशु मृत्यु होने पर इतने रुपये मुआवजा देती है सरकार, नई स्कीम के बारे में जान लें किसानबाढ़ में पशुओं की मृत्यु होने पर मुआवजा देती है सरकार

बाढ़ के कारण पशुओं की मृत्यु होने पर सरकार किसानों को मुआवजा देती है. यह मुआवजा सहाय्य अनुदान के तहत दिया जाता है. इसमें प्रभावित किसानों को मुआवजे की राशि दी जाती है. इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसानों और पशुपालकों को अनुदान का दावा और भुगतान की प्रक्रिया जाननी होगी. आइए इसके बारे में डिटेल में जान लेते हैं.

पशु शव मिलने पर क्या करें किसान

बाढ़ या आपदा में पशु की मृत्यु होने के बाद अगर उसका शव मिल जाए तो पशुपालक को निकटतम पशुचिकित्सा पदाधिकारी को सूचना दी जानी चाहिए और इसके लिए आवेदन दिया जाना चाहिए. पशुचिकित्सा पदाधिकारी शव का पोस्टमार्टम करेंगे और आवेदन अंचलाधिकारी को भेजेंगे. पशु शव पोस्टमार्टम की स्थिति में नहीं रहने (कई दिन पुराने होने / सड़ जाने आदि) पर पशुचिकित्सा पदाधिकारी की ओर से प्रमाण-पत्र के साथ मृत पशुओं की संख्या से संबंधित स्पष्ट आवेदन अंचलाधिकारी और जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया जाएगा. अंचलाधिकारी आवेदन के अनुसार स्वीकृति के लिए जरूरी कार्रवाई करेंगे.

पशु शव नहीं मिलने पर क्या करें किसान

अगर पशु का शव नहीं मिलता है तो उसका अलग प्रावधान है. अगर पशु की मृत्यु हो जाती है और उसका शव नहीं मिलता तो इसके संबंध में एक सनहा या प्राथमिकी स्थानीय थाने में दर्ज करानी होगी. पशुपालक के आवेदक को मुखिया या पंचायत समिति सदस्य या जिला परिषद् सदस्य, सरपंच, या पंच या वार्ड सदस्य की ओर से फॉरवर्ड किया जाना चाहिए. प्राथमिकी यानी एफआईआर की कॉपी को अंचलाधिकारी को देना होगा. फिर अंचलाधिकारी पशु क्षति संबंधी सूचना को जिला पदाधिकारी को भेजेंगे. उसके बाद मुआवजा मिलेगा.

पशुपालक को कितना मिलेगा मुआवजा

दूध देने वाला पशु है तो प्रति पशु 37500 रुपये का मुआवजा मिलेगा. अधिकतम तीन पशुओं के लिए मुआवजा दिया जाएगा. इसमें गाय, भैंस, ऊंट, याक और मिथुन शामिल हैं. जबकि बकरी, भेड़ या सूअर के लिए यह राशि 4000 रुपये प्रति पशु है और अधिकतम 30 पशुओं का मुआवजा मिलेगा. भारवाही पशु जैसे बैल, ऊंट, घोड़ा आदि के लिए 32000 रुपये मुआवजा है और अधिकतम 30 पशु के लिए ले सकते हैं. बछड़ा, खच्चर या गधा के लिए 20,000 रुपये प्रति पशु मुआवजे की राशि है और अधिकतम संख्या 6 है. पोल्ट्री में 100 रुपये प्रति मुर्गी मुआवजा दिया जाएगा और अधिकतम सीमा 5000 रुपये निर्धारित है.

अगर किसानों और पशुपालकों के सामने ऐसी कोई स्थिति बनती है तो वे सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इससे उन्हें आर्थिक नुकसान की भरपाई में बड़ी मदद मिल सकती है.

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