Goat Breeding Farming बकरी पालन अभी संगठित नहीं हुआ है. यही वजह है कि आज भी बकरी पालन दूध से ज्यादा मीट के लिए किया जाता है. और बकरी पालक यही चाहता है कि उसकी बकरी जो बच्चे दे वो जल्द से जल्द बड़े हो जाएं. लेकिन कुछ छोटी-छोटी वजह के चलते बकरियों में मृत्यु दर बढ़ जाती है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मथुरा के साइंटिस्ट और गोट एक्सपर्ट डॉ. एमके सिंह ने किसान तक (Kisan Tak) को बताया कि बच्चों की मृत्यु दर कम करने के लिए ही साइंटीफिक तरीके से बकरी पालन करने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही बकरियों को एक तय वक्त के हिसाब से गाभिन कराने की बात भी कही जाती है.
बकरी पालन पूरी तरह से बच्चों के प्रजनन में पर टिका है. बकरी पालक के बाड़े में जितनी ज्यादा बकरे-बकरियां होंगे तो मुनाफा उतना ही ज्यादा होगा. इसलिए बकरी के बच्चों की मृत्यु दर को गाभिन चार्ट अपनाकर और साइंटीफिक तरीके से बकरी पालन कर रोका जा सकता है.
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