
Poultry India Expo हाल ही में केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने सालाना रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक अंडों का उत्पादन करीब 15 हजार करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गया है. प्रति व्यक्तिा अंडे का आंकड़ा भी बढ़कर 106 हो गया है. विश्व में अंडा उत्पादन में हम दूसरे नंबर पर पहले से ही हैं. लेकिन देश में जितना अंडे का उत्पादन है उसके मुकाबले ऐग एक्सपोर्ट ना के बराबर है. पोल्ट्री एक्सपो में आए एक्सपर्ट की मानें तो 200 करोड़ अंडों का आंकड़ा भी नहीं छुआ है. बहुत सारे देश भारत से अंडे खरीदना चाहते हैं, लेकिन इसके बाद भी नहीं खरीदते हैं. ऐग एक्सपोर्ट न बढ़ने के पीछे बहुत सारी वजह हैं, लेकिन सरकार के साथ मिलकर पोल्ट्री सेक्टर उन्हें दूर करने की कोशिश कर रहा है.
इसमे सबसे बड़ी वजह है बीमारियां. उन्हें लगता है कि भारत में मुर्गियों की बीमारी पर काम नहीं हो रहा है. इसी को देखते हुए केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय देश में लगातार पोल्ट्री डीजिज फ्री कंटेनमेंट जोन बना रहा है. अभी तक कुल 42 जोन बनाए जा चुके हैं. डीजिज फ्री कंटेनमेंट जोन बनाने का मकसद अंडा एक्सपोर्ट बढ़ाने के साथ पोल्ट्री फार्मर की इनकम भी बढ़ाना है.
पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉ. विजय मखीजा ने किसान तक को बताया कि कोविड, स्वाइन फ्लू, एशियन फ्लू, इबोला, जीका वायरस, एवियन इंफ्लूंजा समेत और भी न जानें ऐसी कितनी महामारी हैं जो पहले पशु-पक्षियों हुई और उसके बाद इंसानों में आई हैं. इन्हें जूनोटिक बीमारी कहा जाता है. लेकिन अब वर्ल्ड लेवल पर इस पर काबू पाने की कवायद शुरू हो गई है.
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