Poultry India Expo: एक्सपर्ट ने बताया क्यों जरूरी हैं ‘पोल्ट्री डीजिज फ्री कंटेनमेंट जोन’, जानें वजह

Poultry India Expo: एक्सपर्ट ने बताया क्यों जरूरी हैं ‘पोल्ट्री डीजिज फ्री कंटेनमेंट जोन’, जानें वजह

Poultry India Expo पोल्ट्री फार्मर की इनकम बढ़ाने और अंडों का अच्छा दाम मिले इसके लिए एक्सपोर्ट बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. बीते कुछ वक्त से केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की सचिव अलका उपाध्याय के नेतृत्व में देश में पोल्ट्री डीजिज फ्री कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं. जिससे अंडों का एक्सपोर्ट बढ़ाया जा सके.  

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नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Nov 28, 2025,
  • Updated Nov 28, 2025, 12:44 PM IST

Poultry India Expo हाल ही में केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने सालाना रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक अंडों का उत्पादन करीब 15 हजार करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गया है. प्रति व्यक्तिा अंडे का आंकड़ा भी बढ़कर 106 हो गया है. विश्व में अंडा उत्पादन में हम दूसरे नंबर पर पहले से ही हैं. लेकिन देश में जितना अंडे का उत्पादन है उसके मुकाबले ऐग एक्सपोर्ट ना के बराबर है. पोल्ट्री एक्सपो में आए एक्सपर्ट की मानें तो 200 करोड़ अंडों का आंकड़ा भी नहीं छुआ है. बहुत सारे देश भारत से अंडे खरीदना चाहते हैं, लेकिन इसके बाद भी नहीं खरीदते हैं. ऐग एक्सपोर्ट न बढ़ने के पीछे बहुत सारी वजह हैं, लेकिन सरकार के साथ मिलकर पोल्ट्री सेक्टर उन्हें दूर करने की कोशि‍श कर रहा है. 

इसमे सबसे बड़ी वजह है बीमारियां. उन्हें लगता है कि भारत में मुर्गियों की बीमारी पर काम नहीं हो रहा है. इसी को देखते हुए केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय देश में लगातार पोल्ट्री डीजिज फ्री कंटेनमेंट जोन बना रहा है. अभी तक कुल 42 जोन बनाए जा चुके हैं. डीजिज फ्री कंटेनमेंट जोन बनाने का मकसद अंडा एक्सपोर्ट बढ़ाने के साथ पोल्ट्री फार्मर की इनकम भी बढ़ाना है. 

इसलिए हो रही डीजिज फ्री कंटेनमेंट जोन की जरूरत 

पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉ. विजय मखीजा ने किसान तक को बताया कि कोविड, स्वाइन फ्लू, एशियन फ्लू, इबोला, जीका वायरस, एवियन इंफ्लूंजा समेत और भी न जानें ऐसी कितनी महामारी हैं जो पहले पशु-पक्षियों हुई और उसके बाद इंसानों में आई हैं. इन्हें जूनोटिक बीमारी कहा जाता है. लेकिन अब वर्ल्ड लेवल पर इस पर काबू पाने की कवायद शुरू हो गई है. 

ऐसे बना सकते हैं डीजिज फ्री कंटेनमेंट जोन 

  • पोल्ट्री फार्म की चारों तरफ से बाड़बंदी कर दें.  
  • बाड़बंदी होने से दूसरा जानवर फार्म में नहीं घुस सकेगा.
  • फार्म के अंदर और बाहर दवा का छिड़काव जरूर कराएं. 
  • फार्म पर हाथ साफ करने के लिए भी दवाई रखें. 
  • हाथ सेनेटाइज करने के बाद ही पशु-पक्षियों को हाथ लगाएं. 
  • पशु को हाथ लगाने के बाद एक बार फिर से हाथ साफ करें.
  • ऐसा करने से पशु-पक्षियों की बीमारी इंसानों को नहीं लगती है.  
  • बाहरी व्यक्ति फार्म में आ रहा है तो उसके शूज बाहर ही उतरवाएं. 
  • जूते उतारे नहीं जा सकते तो उन्हें सेनेटाइज करें. 
  • हाथ और उसके कपड़ों को भी सेनेटाइज कराएं. 
  • मुमिकन हो तो पीपीई किट पहनाकर फार्म के अंदर ले जाएं. 
  • जब भी फार्म पर कोई नया पशु-पक्षी आए तो उसे क्वारंटाइन करें. 
  • कम से कम 15 दिन के लिए पशु-पक्षि‍यों को अलग कमरे में क्वारंटाइन करें. 
  • पशुओं के छोटे बच्चे, बीमार पशु, गर्भवती पशु, हेल्दी पशुओं को अलग रखें.  
  • दूध देने वाले पशुओं को बीमार पशुओं से अलग रखें. 
  • मौसम के हिसाब से बाड़े में पशुओं का रखरखाव रखें. 
  • बरसात के मौसम में पशुओं को मच्छर-मक्खियों से बचाने के इंतजाम करें.

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