
हेल्थ को लेकर ये जागरुकता ही है कि कोरोना के बाद से बाजार में अंडे-चिकन की डिमांड बढ़ी है. डिमांड बढ़ी है इसीलिए बीते चार साल में 2700 करोड़ अंडे का उत्पादन बढ़ गया है. प्रति व्यक्तिद के हिस्से में भी आने वाले कुल अंडों की संख्या 16 अंडों की बढ़ोतरी हो गई है. पोल्ट्री इंडिया एक्सपो 2025, हैदराबाद में पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉ. विजय मखीजा ने किसान तक को बताया कि पोल्ट्री सेक्टर हर साल आठ से 10 फीसद के रेट से बढ़ रहा है. फूड सेक्टर की बात करें तो ये वक्त पोल्ट्री सेक्टर का है. अंडे-चिकन से सस्ता और प्योर प्रोटीन बाजार में कहीं नहीं मिल रहा है. भागदौड़ वाली जिंदगी में भी शरीर की जरूरत को सिर्फ अंडा ही पूरा कर रहा है. दो से चार अंडे आप चलते-फिरते कहीं भी खा सकते हैं.
इसीलिए अब आनलाइन और ई-कॉमर्स से अंडे-चिकन की बिक्री बढ़ेगी. गीले चिकन की डिमांड अब आनलाइन में ट्रांसफर हो रही है. प्रोसेसिंग, कोल्ड चेन और रिटेल में बिक्री काउंटर के मौके बढ़ेंगे. इंडियन फूड एक्ट को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक संशोधित किया जा रहा है. और भविष्य में हमें इन्हीं कानूनों का पालन करना होगा क्योंकि खाद्य सुरक्षा महत्वपूर्ण हो जाती है. अब चिकन खरीदने और बेचने के तरीकों में बदलाव आ रहा है.
कृषि की बढ़ोतरी दर 1.4 फीसद है, जबकि पोल्ट्री में लेयर्स 7.5 और ब्रायलर में नौ फीसद है.
पोल्ट्री में चिकन और अंडे को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता का लाभ उठाना चाहिए.
हाल ही में सरकार ने विशेष पशुधन क्षेत्र पैकेज, पशु बुनियादी ढांचा विकास कोष की घोषणा की है.
भारत में ब्रांडेड अंडों का चलन तेजी से बढ़ रहा है, इस दिशा में भी सोचने की जरूरत है.
फूड प्रोसेसिंग सेक्टर तीन से पांच साल में खास इंडस्ट्री बनने जा रहा है.
पोल्ट्री सेक्टर करीब 10 फीसद की दर से लगातार बढ़ रहा है.
पोल्ट्री एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए फूड एक्ट में बदलाव किया जा रहा है.
फूड एक्ट से जुड़े कानूनों का पालन करना जरूरी होगा.
रिटेल चेन बनाए रखने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट, कोल्ड चेन सुविधा और बिक्री काउंटर की जरूरत होगी.
मौजूदा इंडियन फूड मार्केट 700 अरब डालर को पार कर सकता है.
ताजा कटा चिकन बाजार रेडी टू कुक की तरफ बढ़ रहा है.
चिकन बाजार में स्वच्छता, सप्लाई में विश्वास और उचित मूल्य मौजूद है.
आने वाले वर्षों में ऑनलाइन और ई-कॉमर्स मार्केट में चिकन और अंडों की खपत बढ़ने की उम्मीद है.
नई टेक्नोलॉजी अपनाने की जरूरत है जिससे सुराक्षित फूड प्रोडक्ट तैयार कर वक्त से सप्लाई हो सके.
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