Poultry India Expo: मुर्गे-मुर्गियों को बीमारियों से बचाएंगे ये दो बड़े काम, जानें क्या बोले पोल्ट्री एक्सपर्ट 

Poultry India Expo: मुर्गे-मुर्गियों को बीमारियों से बचाएंगे ये दो बड़े काम, जानें क्या बोले पोल्ट्री एक्सपर्ट 

Poultry India Expo: पोल्ट्री फार्म में बायो सिक्योरिटी का पालन करके ब्रायलर मुर्गियों में बीमारी और संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. दो बड़ी बीमारियां न्यू कैसल और गम्बेरो मुर्गे-मुर्गियों की जान की दुश्मन होती हैं. लेकिन पानी में दी जाने वाली दो वैक्सीन में दी गई तो फिर ये दोनों ही बीमारियां मुर्गे-मुर्गियों से दूर रहेंगी. 

poultry india expopoultry india expo
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Nov 28, 2025,
  • Updated Nov 28, 2025, 4:05 PM IST

Poultry India Expo: हैदराबाद में 17वें पोल्ट्री इंडिया एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है. देशभर के पोल्ट्री डॉक्टर भी एक्सपो में आए हैं. एक्सपो में आए ऐसे ही एक डॉ. वीके सिंह का कहना है कि अगर पोल्ट्री फार्मर ने अपने फार्म में बीमारियों को कंट्रोल कर लिया तो फिर उसे डबल मुनाफा कमाने से कोई नहीं रोक सकता है. अगर चिकन की बात करें तो चिकन के लिए पाले जाने वाले ब्रायलर मुर्गे में दो बड़ी बीमारियां होती हैं. इन बीमारियों के चलते मुर्गों की जान तक चली जाती है. इन बीमारियों को न्यू कैसल और गम्बेरो के नाम से जाना जाता है. लेकिन आज हर छोटी-बड़ी बीमारी की रोकथाम के उपाय हैं. जरूरत है बस पोल्ट्री फार्मर अलर्ट रहे. 

अगर मुर्गे-मुर्गियों को वक्त से वैक्सीन लगवाई और फार्म में बायो सिक्योरिटी का पालन किया तो फिर बीमारियां फार्म में नहीं आएंगी. ब्रायलर पोल्ट्री फार्म में मुर्गे-मुर्गियों के दाम उनके वजन के हिसाब से तय होते हैं. इसलिए पोल्ट्री फार्मर की कोशि‍श होती है कि मुर्गियों का वजन तेजी से बढ़े. लेकिन बीमारी, संक्रमण और तनाव के चलते मुर्गियों की ग्रोथ रुक जाती है. इसीलिए पोल्ट्री फार्मर को वैक्सीनेशन और बायो सिक्योरिटी अपनाने की सलाह देते हैं. 

न्यू कैसल-गम्बेरो बीमारियों से बचाने का ये है तरीका  

  • ब्रायलर मुर्गियों में दो बीमारी  न्यूकैसल और गम्बोरो खतरनाक मानी जाती हैं. 
  • ब्रालयर चूजों को न्यूकैसल से बचाने के लिए 10 दिन की उम्र वैक्सीन दिया जाता है. 
  • न्यूकैसल का ये वैक्सीन पीने के पानी में मिलाकर दिया जाता है. 
  • ब्रालयर चूजों को गम्बोरो से बचाने के लिए 14 दिन की उम्र वैक्सीन दिया जाता है. 
  • गम्बोरो का ये वैक्सीन पीने के पानी में मिलाकर दिया जाता है. 
  • न्यूकैसल वैक्सीन की बूस्टर डोज 21 दिन पर दी जाती है. 
  • गम्बोरो वैक्सीन की बूस्टर डोज 28 दिन पर दी जाती है. 

ये हैं मुर्गियों को वैक्सीन देने के तरीके 

  • पोल्ट्री में मुर्गियों को वैक्सीन तीन तरह से दी जाती है. 
  • मुर्गियों को पीने के पानी में वैक्सीन दी जाती है. 
  • मुर्गियों को आंख, नाक और मुंह से भी वैक्सीन दी जाती है. 
  • मुर्गियों को मांसपेशियों में इंजेक्शन से भी वैक्सीन दी जाती है. 
  • ज्यादातर लोग पीने के पानी में वैक्सीन देना पसंद करते हैं. 

बीमारी भगाने को ऐसे अपनाएं बायो सिक्योरिटी 

  • पोल्ट्री फार्म में आने-जाने वालों को कंट्रोल करें. 
  • फार्म के सभी गेट पर कीटाणुनाशक फुटबाथ का इस्तेमाल करें. 
  • गेस्ट, जंगली पक्षी और चूहों को मुर्गियों के आसपास न जानें दें. 
  • फार्म में मुर्गियां मरें तो उन्हें तुरंत हटा दें. 
  • बीमार मुर्गियों को हेल्दी मुर्गियों से अलग रखें.
  • पोल्ट्री फार्म में कूड़ा न फैलने दें और साफ रखें. 
  • अलग-अलग उम्र और नस्ल के पक्षि‍यों को एक साथ न रखें. 
  • फार्म में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को कीटाणुरहित करते रहें. 

ये भी पढ़ें- Poultry India Expo: हैदराबाद में अंडे-मुर्गी को ब्रांड बनाने पर हो रही चर्चा, जानें क्या है वजह

ये भी पढ़ें-  जरूरत है अंडा-चिकन को गांव-गांव तक पहुंचाकर नया बाजार तैयार किया जाए-बहादुर अली

MORE NEWS

Read more!