Lumpy: पशुओं के बाड़े में अपनाए ये 12 उपाय तो नहीं फैलेगी लंपी बीमारी, पढ़े डिटेल

Lumpy: पशुओं के बाड़े में अपनाए ये 12 उपाय तो नहीं फैलेगी लंपी बीमारी, पढ़े डिटेल

एनीमल एक्सपर्ट के सुझाव अपनाकर लंपी ही नहीं हर तरह की बीमारी से दुधारू पशुओं को बचाया जा सकता है. पशुपालन के पुराने तौर-तरीकों के चलते ही बीमारी पशुओं में अपना घर बना लेती हैं. क्लाइमेट चेंज को देखते हुए आज बॉयो सिक्योरिटी वक्त की जरूरत है. सभी तरह के पशुओं में मृत्यु दर को कम करने के लिए भी साइंटीफिक तरीके से पशुपालन करना जरूरी हो गया है.

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नासि‍र हुसैन
  • Feb 07, 2024,
  • Updated Feb 07, 2024, 11:32 AM IST

देश का शायद ही कोई ऐसा राज्य छूटा होगा जहां लंपी बीमारी ने पशुओं पर अपना असर ना दिखाया हो. खासतौर पर बारिश के दौरान या फिर जहां गंदगी हो वहां ये बीमारी जल्दी अपना असर दिखाती है. एनीमल एक्सपर्ट का कहना है कि लंपी बीमारी का वायरस मच्छर और मक्खी से फैलता है. यही वजह है कि अगर पशुओं के बाड़े में साफ-सफाई रखी जाए तो लंपी वायरस को फैलने से रोका जा सकता है. खासतौर पर बाड़े के फर्श को सूखा रखें और वहां गंदगी न फैलने दें. एक्सपर्ट के मुताबिक बाड़े में पशुओं के साथ ही वहां रहने वाला स्टाफ बॉयो सिक्योरिटी का पालन करे. 

एनीमल एक्सपर्ट का कहना है कि अब ऐसा नहीं है कि लंपी बीमारी एक साथ कई राज्यों में फैलती हो. अब तो अगर जरा सी लापरवाही हुई तो वहीं लंपी का वायरस सक्रिय हो जाता है. जैसे हाल ही में महाराष्ट्र और यूपी में लंपी के कुछ केस सामने आए थे. 

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गाय-भैंस सभी के बाड़े में अपनाएं ये उपाय

लंपी बीमारी से पीड़ित पशुओं को हेल्दी पशुओं से अलग कर देना चाहिए. 

बीमार पशुओं को हेल्दी पशुओं के संपर्क में नहीं आने देना चाहिए. 

बाड़े में मच्छर-मक्खियों को रोकने के लिए साइपिमैथिन, डेल्टामैविन, अवमिताज दवा दो मिली प्रति लीटर में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. 

बीमारी वाले क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में पशुओं का आवागमन बंद कर देना चाहिए. 

बीमारी फैलने की अवस्था में पशुओं को पशु मेला इत्यादि में नहीं ले जाना चाहिए. 

पशुओं के प्रबंध में प्रयुक्त वाहन और उपकरण के साफ-सफाई करनी चाहिए. 

संक्रमित पशुओं की देखभाल में लगे व्यक्तियों को साबुन, सैनेटाइजेशन करना चाहिए. 

पशुओं के बाड़े में अनावश्यक बाहरी व्यक्ति और वाहन के प्रवेश पर रोक लगा देनी चाहिए. 

पशुशाला में नियमित चूना पाउडर का छिड़काव करना चाहिए. 

पशु आवास में गोबर-मूत्र गंदगी आदि को जमा नहीं होने देना चाहिए. 

बीमार पशु के दूध का इस्तेमाल उबालकर करना चाहिए. 

रोगी पशु को संतुलित आहार हरा चारा, दलिया खिलाए जिससे कि पशु में रोगों से लड़ने की क्षमता मजबूत हो.

लंपी से मृत पशु का ऐसे करें निस्तारण 

लंपी से मृत पशुओं को गहरे गड्ढे में चूना और नमक डालकर दबा देना चाहिए. 

ऐसे पशु को खुले में नहीं फेंकना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से बीमारी और फैल सकती है. 

लंपी से मृत पशु को लोगों के रिहायशी स्थान से दूर दफनाना चाहिए.

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जहां पशु पानी पीते हों या चारा खाते हों वहां मृत पशु को नहीं दफनाना चाहिए. 

मृत पशुओं के परिवहन में इस्तेमाल वाहन को सोडियम हाइपोक्लोराइट से धोना चाहिए. 

मृत पशु के चारे दाने को भी जलाकर नष्ट कर देना चाहिए. 

मृत पशु के स्थान पर सूखी घास जलाकर संक्रमण मुक्तल करना चाहिए.
 

 

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