Stray Cow Issue खासतौर पर नॉर्थ इंडिया के राज्यों में छुट्टा गाय बड़ी परेशानी बनी हुई हैं. खेत में फसलों को नुकसान तो पहुंचाती ही हैं, साथ में सड़क पर एक्सीडेंट की वजह भी बन रही हैं. इतना ही नहीं गली-मोहल्ले में लोगों को सींग मारकर घायल भी कर रही हैं. कई लोगों की तो ऐसे हादसों में मौत तक हो चुकी है. लेकिन अब जल्द ही इस जानलेवा परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा. नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (NDRI), करनाल, हरियाणा और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), बरेली ने इसके लिए एक खास रास्ता निकाला है. इससे जहां छुट्टा गयों से छुटकारा मिलेगा वहीं दूध उत्पादन भी बढ़ेगा.
छुट्टा गायों में कैसे काम करेगी OPU-IVF तकनीक
- अंडों के लिए किसी दूसरी नस्ल की गाय को चुना जाएगा.
- अल्ट्रासाउंड की मदद से गाय में अंडों की पहचान की जाती है.
- फिर गाय के उन अंडों को बाहर निकाला जाता है.
- नस्ल के हिसाब से ऐसे अंडों की संख्या 20 से 50 तक होती है.
- दो महीने में तीन बार तक एक गाय से अंडे लिए जा सकते हैं.
- गाय के अंडों को लैब में बुल के सीमन के साथ फर्टिलाइज्ड किया जाता है.
- अंडों और बुल के सीमन की फर्टिलाइज्ड प्रक्रिया से भ्रूण बनता है.
- लैब में तैयार भ्रूण को गाय के गर्भ में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
- फिर गाय 240 से 250 दिन में बच्चे को जन्म दे देती है.
OPU-IVF तकनीक के फायदे क्या हैं
- एक बार में एक गाय में 20 से 50 अंडे बनते हैं.
- प्राकृतिक तरीके से बच्चा पैदा कराया तो इन अंडों से गाय एक बच्चा देगी.
- OPU-IVF तकनीक का इस्तेमाल कर उतने ही अंडों में 10-20 बच्चे पैदा करा सकते हैं.
- दो महीने में हमे एक गाय के अंडों से 30 से 60 बच्चे मिल सकते हैं.
- एक गाय में 20 से 21 दिन में अंडे बनते हैं.
- इस तकनीक से बच्चा पैदा कराने में समय की बचत होगी.
- गाय के अंडों का ज्यादा इस्तेमाल हो सकेगा.
सेरोगेट मदर के लिए छुट्टा गाय कैसे तैयार होगी
- छुट्टा गाय को सेरोगेट मदद बनाने के लिए कुछ उपाय करने होंगे.
- IVRI के साइंटिस्ट छुट्टा गाय के लिए कुछ उपाय बताते हैं.
- OPU-IVF तकनीक बहुत महंगी है तो 100 फीसद कामयाब बनाना होगा.
- छुट्टा गाय को गौशालाओं में रखना जरूरी होगा.
- मां बनने की जरूरत के मुताबिक उन्हें खुराक देनी होगी.
- तमाम तरह की बीमारियों से बचाने के लिए वैक्सीनेशन कराना होगा.
- गौशालाओं में बीमारी न फैले इसके लिए बायो सिक्योरिटी अपनानी होगी.
- गौशालाओं में गायों का रिकॉर्ड रखना होगा.
- बीमार और हेल्दी गायों को गौशाला में अलग-अलग रखा जाएगा.
निष्कर्ष-
OPU-IVF तकनीक छुट्टा गायों की परेशानी से छुटकारा दिलाने में कारगर साबित होगी. अगर सभी गौशाला संचालक खुद से पहल करते हुए छुट्टा गायों को गौशाला में लाकर रखना शुरू कर दें और बताए गए उपाय अपनाएं तो ये गाय भी पशुपालकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं.
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