आपने आपदा में अवसर वाली बात सुनी होगी. मगर उत्तर प्रदेश के बिजनौर में यह बात बिल्कुल सच साबित हुई है. जहां बाढ़ से लोगों में दहशत और डर है, उसी बाढ़ ने लोगों को रोजगार का भी जरिया दे दिया है. वह भी मछली की बिक्री और उससे कमाई का. आइए जान लेते हैं कि पूरा मामला क्या है.
बारिश और जल भराव के कहर से जूझते उत्तर प्रदेश में एक अनोखा नज़ारा बिजनौर के धामपुर क्षेत्र में देखने को मिला. यहां बाढ़ जैसी स्थिति में सड़कों पर मछलियां आ गईं और स्थानीय लोगों ने इस आपदा को रोजगार का अवसर बना डाला. धामपुर के रामलीला ग्राउंड स्थित शिव कॉलोनी के पास बीते कुछ दिनों से नदी का पानी उफान पर है. तेज बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया और बहाव के साथ बड़ी संख्या में छोटी-बड़ी मछलियां भी सड़कों पर आ गईं.
स्थानीय लोगों ने तुरंत हालात को भांपते हुए जाल, बाल्टी और टोकरी लेकर मछलियां पकड़नी शुरू कर दीं. मछली पकड़ने वाले कुछ लोगों ने बताया कि यह उनके लिए एक सुनहरा मौका बन गया है, क्योंकि बाजार में वे इसे 100 रुपये प्रति किलो के भाव पर बेच रहे हैं. शिव कॉलोनी के आसपास लोग सुबह से ही मछलियां पकड़ने में जुटे हैं और कुछ लोग इसे पास के बाजारों में बेच भी रहे हैं. बाढ़ के पानी से हुए नुकसान के बीच यह छोटा सा ‘रोजगार’ कई परिवारों के लिए राहत लेकर आया है.
इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें लोगों को नालों के किनारे भारी संख्या में देखा जा रहा है. लोगों ने जाल के साथ मछली पकड़ने का पूरा बंदोबस्त किया हुआ है. यहां तक कि बारिश से बचने के लिए प्लास्टिक की चादर भी ऊपर लगा ली है. इन मछलियों को पकड़ कर लोग प्लास्टिक की बाल्टियों में भरकर सड़क किनारे बेच रहे हैं. खरीदारों को भाव पूछते भी देखा गया और बिक्री करने वाले लोग 100 रुपये किलो तक रेट मांग रहे हैं.
मछली पकड़ने वाले अधिकतर युवक हैं जो उसे बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. वे बताते हैं कि हाईवे से बहकर पानी उनके इलाके में आया है जिसमें बड़ी संख्या में मछलियां दिख रही है. इसमें अधिकांश मछलियां रोहू हैं जिनकी बहुत मांग रहती है. इसकी बिक्री 100 रुपये किलो तक हो रही है. रोहू के अलावा सिंघी और सोली मछलियां मिल रही हैं.
स्थानीय प्रशासन ने हालांकि अब तक इस गतिविधि पर कोई रोक नहीं लगाई है, लेकिन ऐसी मछलियों के सेवन से पहले स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखना चाहिए. धामपुर क्षेत्र में जल भराव की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है और लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें. वहीं दूसरी ओर, यह दृश्य एक मिसाल है कि किस तरह आमजन विपरीत परिस्थितियों में भी रास्ता निकाल लेते हैं.