Lumpy Attack on Cow वैसे तो मौसम के बदलाव के साथ ही कई तरह की बीमारियां गाय-भैंस पर अटैक करती हैं. इन्हें मौसमी बीमारी भी कहा जाता है. लेकिन कुछ बड़ी ऐसी बीमारी हैं जो मौसम के हिसाब से पशुओं पर अटैक करती हैं. ऐसी ही एक बीमारी है लंपी. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी), हिसार के रिटायर्ड प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह ने किसान तक को बताया कि लंपी बीमारी खासतौर पर बरसात के मौसम में ही तेजी से अटैक करती है. इसका वायरस भी बरसात में तेजी से सक्रिौय होता है. क्योंकि छुट्टा गायों की इम्यूनिटी बेहद कमजोर होती है तो लंपी के वायरस की चपेट में जल्दी आ जाती हैं.
क्या है लंपी बीमारी
- छोटे से वक्त में ही लंपी बीमारी देशभर में पैर पसार चुकी है.
- बीच-बीच में लंपी बीमारी गायों पर अटैक करती रहती है.
- ये बीमारी दूसरे देशों से आई है, लेकिन देश के कई राज्य इसकी चपेट में आ चुके हैं.
- शरीर से कमजोर गायों पर ये बीमारी जल्दी अटैक करती है.
- बरसात का मौसम गायों के लिए खतरों से भरा होता है.
- लंपी का वायरस मक्खियों से जल्दी फैलती है.
- वैक्सीन से कुछ हद तक लंपी पर काबू पाया गया है.
- वैक्सीसन संग बायो सिक्योरिटी अपनाकर लंपी की रोकथाम की जा सकती है.
छुट्टा गायों पर कैसे अटैक करता है लंपी वायरस
- सड़क पर घूमने वालीं गायों को खाने में पौष्टिक चारा नहीं मिल पाता है.
- कुछ गौशालाओं में भी गायों को पौष्टिरक खुराक नहीं मिल पाती है.
- इसके चलते गायों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है.
- लंपी बीमारी का ज्यादातर अटैक इसी तरह की गायों पर देखा गया.
- आंकड़ों के मुताबिक लंपी की वजह से मौत भी ऐसी ही गायों की हुई.
- ऐसा भी नहीं है कि अच्छा चारा खाने वाली गायों की लंपी से मौत नहीं हुई है.
- लेकिन अच्छा चारा खाकर लंपी से मरने वाली गायों की संख्या कम है.
- सड़क पर घूमने वाली गाय बहुत जल्दी मक्खी-मच्छर की चपेट में आ जाती हैं.
- गौशालाओं-डेयरी फार्म पर सफाई होने के चलते मच्छर-मक्खी जल्दी अटैक नहीं कर पाते हैं.
लंपी से गायों को कैसे बचा सकते हैं
- क्लाइमेट चेंज को देखते हुए आज बायो सिक्योरिटी वक्त की जरूरत है.
- बायो सिक्योरिटी से लंपी ही नहीं हर बीमारी से पशुओं को बचाया जा सकता है.
- पशुपालन के पुराने तौर-तरीके अपनाने से बीमारी जल्दी अटैक करती हैं.
- सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इंसानों को 70 से 75 फीसद बीमारियां पशुओं से होती हैं.
- गाय-भैंस, भेड़-बकरी समेत कोई भी पशु हो उसे साइंटीफिक तरीके से पालना चाहिए.
- हमें पशुओं के फार्म पर बायो सिक्योरिटी का पालन करना और करवाना चाहिए.
- पशुपालकों को अपने पशु फार्म की बाड़बंदी करनी चाहिए.
- बांड़बंदी होगी तो सड़क पर घूमने वाला जानवर फार्म में नहीं घुसेगा.
- अपने फार्म के अंदर और बाहर दवा का छिड़काव जरूर कराएं.
- कुछ दवा फार्म पर रखें जिनका इस्तेमाल हाथ साफ करने के लिए हो.
- सेनेटाइज करने के बाद ही पशुओं को हाथ लगाएं.
- पशु को हाथ लगाने के बाद फिर से दवाई का इस्तेमाल कर हाथ साफ करें.
- बाहर से आने वाले व्यक्ति के शूज सेनेटाइज करवाएं.
- बाहरी व्यक्ति के हाथ और कपड़ों को भी सेनेटाइज करवाएं.
- मुमकिन हो तो पीपीई किट पहनाकर ही फार्म के अंदर ले जाएं.
निष्कर्ष-
खासतौर से गायों में होने वाली लंपी बीमारी एक जानलेवा बीमारी है. लंपी के इलाज के नाम पर सिर्फ एक वैक्सीन है. गायों को अगर लंपी से बचाना है तो फार्म में बायो सिक्योरिटी जरूर अपनाएं. और साफ-सफाई का भी खास ख्याल रखें.
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