Pangasius Fish: आप पंगेसियस मछली पालते हैं तो तालाब में जरूर करें ये जरूरी काम 

Pangasius Fish: आप पंगेसियस मछली पालते हैं तो तालाब में जरूर करें ये जरूरी काम 

Pangasius Fish Pond डिप्टी डायरेक्टर जनरल (फिशरीज साइंस) डॉ. जेके जैना का कहना है कि इस मौसम में तालाब के पानी में ऑक्सीजन बनाए रखना बड़ी चुनौती होती है. मौसम के मुताबिक मछली को कितना फीड देना है ये भी देखना बहुत जरूरी होता है. 

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नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Aug 08, 2025,
  • Updated Aug 08, 2025, 7:25 AM IST

Pangasius Fish Pond पंगेसियस मछली के लिए बीमारी से ज्यादा बदलता मौसम बहुत ज्यादा नुकसानदायक होता है. यही वजह है कि फिशरीज एक्सपर्ट आने वाले सितम्बर को पंगेसियस मछलियों के लिए बहुत संवेदनशील बताते हैं. उनका कहना है कि सितम्बर वो महीना होता है जब गर्मी-बरसात के बीच इसी महीने मौसम में बदलाव होता है. इसलिए सितम्बर में पंगेसियस के लिए तालाब को बहुत अच्छे से तैयार करने की जरूरत होती है. क्योंकि बरसात की वजह से तालाब का पानी दूषि‍त होने की आशंका रहती है. इतना ही नहीं मौसम में नमी के चलते मछलियों का फीड खराब होने का खतरा भी बना रहता है. 

पंगेसियस के लिए तालाब कैसे तैयार करें?

  • पंगेसियस मछली पालन करने वाले सितम्बर में फीड का खास ख्याल रखें. 
  • पंगेसियस मछली को उसकी उम्र के हिसाब से फीड खि‍लाना चाहिए.  
  • पहले से छठे महीने तक उसके कुल वजन का 1.5 फीसद से लेकर 2, 3, 4, 5 और 6 फीसद तक फीड देना चाहिए. 
  • पंगेसियस मछली को उसकी उम्र के हिसाब से प्रोटीन फीड जरूर देना चाहिए. 
  • पंगेसियस मछली को पहले दो महीने 32 फीसद प्रोटीन देना चाहिए.
  • पंगेसियसमछली को तीन से चार महीने में 28 फीसद प्रोटीन देना चाहिए. 
  • पंगेसियस मछली को पांचवे महीने में 25 और छठे महीने में 20 फीसद प्रोटीन फीड देना चाहिए. 
  • पंगेसियसके तालाब में दूसरे महीने में 20 किग्रा प्रति एकड़ की दर से नमक का छिड़काव करें.

पंगेसियस को तालाब के संक्रमण से कैसे बचाएं? 

  • बरसात में तालाब के पानी में संक्रमण की आशंका बनी रहती है. 
  • तालाब में होने वाले संक्रमण से मछलिया भी प्रभावित होती हैं. 
  • तालाब में मछलियों को संक्रमण से बचाने के लिए चूने का इस्तेमाल करें. 
  • मछलियों को संक्रमण से बचाने के लिए हर 15 दिन पर चूने का छिड़काव करें.  
  • 10-15 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से चूने के घोल का छिड़काव करें. 
  • तालाब का पानी भी बरसात में दूषि‍त हो जाता है. 
  • पानी का संक्रमण दूर करने के लिए महीने में एक बार दवाई का छिड़काव करें. 
  • प्रति एकड़ की दर से 400 ग्राम पोटाशियम परमेग्नेट का घोल बनाकर छिड़काव करें.
  • मछली को पारासाईटिक संक्रमण से बचाने के लिए नमक का इस्तेमाल करें.  
  • दूसरे महीने में दो बार 40 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से नमक के पानी का घोल छिड़क दें. 
  • महीने में एक सप्ताह प्रति किलोग्राम फीड में 10 ग्राम नमक मिलाकर मछलियों को खिलाएं.

निष्कर्ष- 

मौसम और तापमान में होने वाले बदलाव के मुताबिक मछलियों को फीड दिया जाना जरूरी होता है. फीड की मात्रा से ही मछलियों की ग्रोथ होती है. तालाब के पानी में दवाई का छिड़काव बीमारियों से बचाता है. यही छिड़काव मछलियों को मरने से भी बचाता है. 

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