भेड़ को सबसे ज्यादा ऊन के लिए याद किया जाता है. भेड़ को दूध और मीट के लिए भी पाला जाता है. हालांकि दूध के मामले में भेड़ का नंबर आखिर में आता है. सबसे ज्यादा भेड़ पालन राजस्थान में है. यहां भेड़ों के झुंड को रेवड़ कहा जाता है. देश के पांच राज्य कुल ऊन उत्पादन में 80 फीसद से ज्यादा का योगदान देते हैं. देश में खाने के साथ ही भेड़ का मीट एक्सपोर्ट भी होता है. हालांकि बकरियों के मुकाबले यह कम है. देश में सबसे ज्यादा नेल्लोर नस्ल की भेड़ हैं जो खासतौर पर आंध्रा प्रदेश में पाई जाती हैं.
केन्द्रीय पशु पालन मंत्रालय के मुताबिक देश में भेड़ों की कुल संख्या़ करीब 7 करोड़ है. इसमे से प्योर ब्रीड वाली भेड़ों की संख्या करीब 2 करोड़ है. नेल्लोरी भेड़ के साथ ही राजस्थान में जयपुर से करीब 80 किमी दूर अविकानगर में भेड़ों की सबसे अच्छी नस्ल अविसान पाई जाती है. इस नस्ल को दूसरे राज्यों में भी पाला जाता है. बीकानेरी, चोकला, मागरा, दानपुरी, मालपुरी तथा मारवाड़ी नस्ल की भेड़ो से प्राप्त होने वाले ऊन का इस्तेमाल कालीन बनाने में किया जाता है.
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नेल्लोर, बेल्लोरी, मारवाड़ी, दक्कनी, कंगूरी, मरछेरी, पत्तनवाड़ी, हसन, जैसलमेरी, गद्दी, रामनद व्हाइट, चोकाला, छोटा नागपुरी, मद्रास रेड, नाली, मंडया, मालापुरा, बक्करवाल, पुगल और मागरा भेड़ों की खास नस्ल हैं. देश में भेड़ की 42 नस्लें पाली जाती हैं. देश में मौजूद 7 करोड़ भेड़ों में से 35 फीसद भेड़ तो सिर्फ 5 नस्ल की ही हैं.
नोट- आंकड़ें फीसद में हैं.
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नोट- मीट के आंकड़े टन में हैं.