इंसानों के जीवन में पेड़-पौधों का बहुत महत्व है. पेड़ ना केवल हमें ऑक्सीजन देते हैं बल्कि, वे सभी प्रकार के फल, फूल, जड़ी-बूटियां और लकड़ियां आदि भी देते हैं. जिसका इस्तेमाल कर मानव जीवनयापन करता आया है. घर के आस-पास पेड़ लगाकर आप गर्मी, मिट्टी के कटाव, धूल आदि की समस्या से बच सकते हैं. पेड़ को इस्तेमाल आय और रोजगार को बढ़ाने के मकसद से भी किया जाता है. ऐसे में पेड़ों को सुरक्षित रखना हमारी ज़िम्मेदारी है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की सरकार ने पेड़ों को बचाने के लिए एक नयी योजना बनाई है. क्या है यह योजना आइये जानते हैं.
अब तक आपने फसल बीमा योजना के बारे में सुना होगा. लेकिन अब योगी सरकार पेड़ों को बचाने के लिए नई एग्रो फॉरेस्ट्री पॉलिसी लाने की तैयारी कर रही है. उत्तर प्रदेश के किसानों को जल्द ही खेत में लगे पेड़ों का बीमा करवाने की सुविधा दी जाएगी. जानकारी के मुताबिक अब राज्य सरकार नई एग्रो फॉरेस्ट्री पॉलिसी लाने की तैयारी कर रही है. इससे किसानों को भी काफी फायदा मिलेगा.
उत्तर प्रदेश में लगभग 60 प्रतिशत आबादी कृषि कार्यों पर निर्भर है. जिस वजह से यह एक कृषि प्रधान राज्य कहलाता है. यहां पारंपरिक फसल की खेती से लेकर नए और मुनाफेदार फसलों की भी खेती की जाती है. यहां के किसान देसी, विदेशी, बागवानी, औषधी, मसाला, सब्जी, फल और पेड़ों से लेकर घास तक की खेती करते हैं. ऐसे में इन फसलों को मौसम की अनिश्चितताओं से बचाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के जरिए किसान फसलों की बीमा करवाते आ रहे हैं. ताकि फसल में होने वाला आर्थिक नुकसान से बचा जा सके. इसको ध्यान में रखते हुए अब राज्य सरकार पेड़ों को सुरक्षित रखने की भी योजना बना रही है. आपको बता दें यूपी में पेड़ों की बागवानी या वानिकी बड़े पैमाने पर की जाती है. जिसके मद्देनजर अब सरकार कृषि वानिकी नीति यानि एग्रो फॉरेस्ट्री पॉलिसी ला रही है, जिससे किसानों को पेड़ों का बीमा करवाने की सुविधा भी मिलेगी.
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जानकारी के मुताबिक, नई कृषि वानिकी नीति के तहत पेड़ों का बीमा कराने की सुविधा सरकार की ओर से दी जाएगी. यदि किसान ने अपने खेत में वृक्ष लगाए हैं और किसी प्राकृतिक आपदा या अन्य जोखिमों की वजह से कोई भी नुकसान होता है तो उस स्थिति में किसान बीमा क्लेम कर इस नुकसान को कम कर सकते हैं. इसके लिए किसानों को अपने पेड़ों का बीमा करवाना होगा. इतना ही नहीं, कृषि-वानिकी नीति के तहत नए पौधे लगाने और पेड़ों से प्राप्त उत्पादों के विपणन में मदद दी जाएगी.
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हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने लकड़ी आधारित उद्योगों को लाइसेंस जारी करने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब ना केवल किसानों को बड़ी राहत मिली है, बल्कि लकड़ी व्यवसाय से जुड़े अन्य लाभार्थियों के लिए भी यह सुनहरा मौका है. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अब कृषि वानिकी नीति के आधार पर एक प्रारूप तैयार किया है. जिसे जल्द ही कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा.
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