Pregnant Animal Care: गाय-भैंस गर्भवती है तो ऐसे करें देखभाल, हेल्दी होगा बच्चा, दूध भी देगी भरपूर 

Pregnant Animal Care: गाय-भैंस गर्भवती है तो ऐसे करें देखभाल, हेल्दी होगा बच्चा, दूध भी देगी भरपूर 

Pregnant Animal Care गर्भवती गाय-भैंस के लिए अच्छा खानपान इसलिए जरूरी हो जाता है कि एक तो उसके गर्भ में बच्चा पल रहा होता है, दूसरे बच्चा देने के बाद उसे दूध भी देना है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो पशुओं को बहुत सारे पोषक तत्वों की जरूरत होती है. खासतौर पर आखिरी के तीन महीने आठवां, नौंवा और 10वें महीने में.

नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Dec 01, 2025,
  • Updated Dec 01, 2025, 4:20 PM IST

Pregnant Animal Care गाय-भैंस के गर्भवती होते ही हर एक पशुपालक की चाहत होती है कि उसकी गाय-भैंस अच्छा हेल्दी बच्चा दे दे और बच्चे के बाद दूध दे तो वो भी भरपूर हो. चाहत तो हर एक पशुपालक की एक जैसी होती है, लेकिन खुराक और देखभाल के मामले में सबका नजरिया अलग होता है. कुछ गर्भवती गाय-भैंस को अच्छी खुराक खि‍लाते हैं तो कुछ देखभाल अच्छी तरह से करते हैं. वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं कि पशु के गर्भवती होने पर भी लापरवाही बरतते हैं. जिसका खामियाजा बाद में उन्हें बीमार और दुबले-पतले बच्चे और कम दूध उत्पादन के चलते उठाना पड़ता है. 

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि भैंस का गर्भकाल 310 से 315 दिन तक का होता है. लेकिन 310 में से आखि‍र के 90 दिन गर्भवती गाय-भैंस के लिए बहुत खास होते हैं. हालांकि कुछ पशुपालकों का ये सवाल भी होता है कि हम कैसे पहचाने की भैंस गर्भ से है. तो इसका पता भैंस के हीट में न आने से लगाया जा सकता है. हर 21 दिन बाद भैंस हीट में आती है. और जब दोबारा से भैंस हीट में न आए तो समझ जाएं कि भैंस कितने दिन के गर्भ से है.

खानपान में लापरवाही से होते हैं ये नुकसान 

खानपान की कमी से बच्चा कमजोर और अंधा पैदा हो सकता है. 
बच्चा देने के बाद भैंस को मिल्क फीवर हो सकता है.
भैंस फूल दिखा सकती है और जेर रूक सकती है.
भैंस की बच्चेदानी में मवाद पड़ सकता है. 
बच्चा देने के बाद दूध उत्पादन घट सकता है.

पशुओं के गर्भवती होते ही शेड में करें ये बदलाव 

आठवें महीने के बाद से भैंस को दूसरे पशुओं से अलग रखना चाहिए. 
भैंस का बाड़ा उबड़-खाबड़ तथा फिसलन वाला नहीं होना चाहिए.
बाड़ा हवादार और भैंस को सर्दी, गर्मी और बरसात से बचाने वाला हो.
बाड़े में रेत-मिट्टी का कच्चा फर्श हो और सीलन न हो.  
ताजा पीने के पानी का इंतजाम होना चाहिए. 

सीआईआरबी दे रहा जानकारी 

गर्भकाल के दौरान भैंस की देखभाल कैसे की जाए, ये जानकारी लेने के लिए केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी), हिसार की बेवसाइट की मदद भी ली जा सकती है. सीआईआरबी गर्भवती भैंस की शेड, खानपान और हैल्थ से जुड़ी देखभाल के बारे में हर तरह की जानकारी देता है. 

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