: एनिमल एक्सपर्ट ने 20 पॉइंट में बताया सर्दियों में कैसे करें गाय-भैंस की देखभाल 

: एनिमल एक्सपर्ट ने 20 पॉइंट में बताया सर्दियों में कैसे करें गाय-भैंस की देखभाल 

एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक सर्दी के मौसम में गाय-भैंस के बाड़े में बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. और खास बात ये कि दिसम्बर-जनवरी के महीने में ही पशु हीट में ज्या‍दा आता है. वहीं गर्मी में गाभिन कराए गए पशु इस दौरान बच्चा देने वाले होते हैं. 

Alia Bhatt CowAlia Bhatt Cow
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Dec 01, 2025,
  • Updated Dec 01, 2025, 1:36 PM IST

देखभाल और रखरखाव सही हो तो पशु कई तरह की बीमारियों से बचे रहते हैं. खासतौर से संक्रमण से होने वाली बीमारियों से. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि संक्रमण से होने वाली 90 फीसद बीमारियां गाय-भैंस की अच्छी से देखभाल न होने और सही रख्रखाव न होने से होती हैं. क्योंकि जैसे ही एनिमल शेड में गंदगी होती है और पशुओं की साफ-सफाई नहीं होती है तो गंदगी के चलते संक्रमण पनपने लगता है. और इसका सबसे पहला सीधा असर पशुओं के उत्पादन पर पड़ता है. बीमार हो जाएं तो इलाज पर मोटा खर्च हो जाता है. 

उत्पादन न होने पर भी बीमार गाय-भैंस को पूरी खुराक खाने को दी जाती है. लेकिन सर्दी के मौसम में कुछ ऐहतियाती कदम उठाकर पशुपालक परेशानी और आर्थिक नुकसान से बच सकते हैं. सर्दियों के दौरान पशुओं की देखभाल और रखरखाव कैसा हो इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार के पशुपालन विभाग एडवाइजरी भी जारी करते रहते हैं. साथ ही हर मौसम में पशुओं के टीकाकरण पर भी बहुत जोर दिया जाता है. 

एनिमल एक्सपर्ट के ये हैं 20 टिप्स 

  • दिन और रात के तापमान का आनलाइन अपडेट लेते रहें. 
  • दिसम्बर-जनवरी में शीत लहर से बचाने इंतजाम अभी कर लें. 
  • रात के वक्त एनिमल शेड को मोटी तिरपाल या बोरी से ढककर रखें. 
  • जमीन की ठंडक से बचाने के लिए फर्श पर पुआल आदि बिछा दें. 
  • शेड में रोशनी और जगह को गर्म रखने का इंतजाम कर लें. 
  • पशुओं को बांधने की जगह को गीला न होने दें. 
  • मक्खी-मच्छर की रोकथाम के लिए बाड़े में लैमनग्रास, नारगुण्डी टांग दें. 
  • मक्खी-मच्छर से बचाने के लिए नीम का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं. 
  • शीत लहर चले तो पशुओं के शरीर पर मोटे कपड़े, बोरी आदि बांध दें. 
  • ठंड में पशुओं को गर्म रखने के लिए रोजाना खली और गुड़ खिलाएं. 
  • पशुओं को दिन में तीन से चार बार हल्का गर्म पानी पिलाएं. 
  • बीमार, कमजोर और गाभिन पशु का ठंड में खास ख्याल रखें. 
  • पशु के शव का निस्तारण आबादी और नदी-तालाब से दूर करें. 
  • आग लगने में सहायक वस्तुओं को पशु के बाड़े से दूर रखें. 
  • पशु के नए बाड़े का निर्माण मौसम के हिसाब से ही कराएं.
  • सर्दियों के मौसम में पशुओं को खुला ना छोड़ें. 
  • सर्दी के मौसम में पशु मेलों का आयोजन नहीं करना चाहिए. 
  • ठंडा चारा और पानी पशुओं को नहीं देना चाहिए. 
  • निमोनिया से बचाने को नमी, धुंए वाली जगह पर पशु नहीं रखें. 
  • बीमार होने पर पशु को सिर्फ डॉक्टर को ही दिखाएं. 

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