देश के कई हिस्सों से बर्ड फ्लू की खबरें आ रही हैं. हालांकि जानकारों की मानें तो ये बर्ड फ्लू का मामूली असर है. और खासतौर पर फरवरी-मार्च के आसपास बर्ड फ्लू के मामले जरूर सामने आते हैं. लेकिन परेशान करने वाली बात ये है कि बर्ड फ्लू का नाम सुनते ही लोग चिकन और अंडा खरीदना और खाना दोनों ही बंद कर देते हैं. उन्हें लगता है कि अंडा और चिकन खाने से वो भी बर्ड फ्लू की चपेट में आ जाएंगे. यही वजह है कि चिकन के लिए पलने वाली मुर्गियों को मारा जाने लगता है.
वहीं अंडे की बिक्री और डिमांड कम हो जाती है. मजबूरी में पोल्ट्री फार्मर को अंडे भी फेंकने पड़ते हैं. क्योंकि मुर्गी तो हर रोज अंडा देगी ही, और बड़ी बात ये है कि बिना कोल्ड स्टोरेज के अंडे को पोल्ट्री फार्म पर नहीं रखा जा सकता है. लेकिन पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि बर्ड फ्लू के दौरान भी अंडा खाया जा सकता है. अंडे से बर्ड फ्लू नहीं फैलेगा.
किसान तक के लाइव शो कुकड़ू कु में आए पोल्ट्री एक्सपर्ट मुर्गियों के डॉक्टर एनके महाजन ने बर्ड फ्लू पर बोलते हुए बताया कि बर्ड फ्लू के दौरान अंडा-चिकन सभी खाया जा सकता है. चिकन को एक तय मानक पर पकाकर खा सकते हैं. वहीं अंडे को भी उबालकर, आमलेट बनाकर या जैसे आप चाहें बना सकते हैं. क्योंकि आप ये मान लिजिए कि जो अंडा आप खा रहे हैं वो एक हेल्दी मुर्गी ने दिया है. क्योंकि जो मुर्गी बर्ड फ्लू से पीडि़त है वो अंडा नहीं देगी. इसलिए अंडे से बर्ड फ्लू फैलने की बात एकदम बेमानी है.
वहीं अगर चिकन की बात करें तो समय-समय पर एम्स समेत बहुत सारी ऐसी संस्थाएं हैं जो ये एडवाइजरी जारी करती हैं कि बर्ड फ्लू के दौरान चिकन कैसे खाया जाए. अगर उनके बताए मानक के अनुसार तय तापमान पर चिकन को पकाकर खाया गया तो बर्ड फ्लू का कोई असर नहीं होगा.
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