गाय का दूध ही नहीं घी भी उत्तम माना जाता है. भैंस के मुकाबले गाय के दूध को कहीं ज्यादा गुणकारी बताया गया है. रेट के मामले में भी बात करें तो देसी घी भी गाय का सबसे ज्यादा महंगा बिकता है. देश के दूध कारोबार में गायों का खासा आर्थिक योगदान है. गायों के इतिहास की बात करें तो कृष्ण काल से ही पशु पालन में गायों को महत्व दिया जाता रहा है. आज भी हमारे देश में भैंसों से ज्यादा गायों की संख्या है. नस्लीय गायों की बात करें तो अभी तक देसी नस्ल की 41 गाय रजिस्टर्ड थीं. लेकिन अब इनकी संख्या 51 हो गई है. 10 और गायों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है. गिर, राठी, नागौरी, सहीवाल और ब्रद्री गायों की अव्वल नस्ल में शामिल हैं.
मध्य प्रदेश, यूपी, राजस्थान और बिहार में देसी नस्ल की गायों की सबसे ज्यादा संख्या है. मेरठ, यूपी में देश का सबसे बड़ा कैटल रिसर्च सेंटर बनाया गया है. देसी नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने के लिए आर्टिफिशल सीमेन टेक्नोलॉजी भी इस्तेमाल की जा रही है. यूपी के कई शहरों में काऊ सेंचुरी बनाई जा रही हैं.
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एक बार फिर बीते साल देश के दूध उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. एक साल में 11 लाख मिलियन टन तक दूध उत्पादन बढ़ा है. खास बात यह है कि केन्द्रीय मत्सय, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों की मानें तो देसी गाय के दूध उत्पादन में खासी बढ़ोतरी हुई है. क्रॉस ब्रीड गाय का दूध उत्पादन भी बढ़ा है. वहीं विदेशी नस्ल की गायों के दूध उत्पादन में कमी आई है. देसी भैंस और बकरी के दूध उत्पादन में भी मामूली कमी दर्ज की गई है. जबकि नॉन रजिस्डर्ट भैंस के दूध उत्पादन में मामूली सी बढ़ोतरी हुई है.
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मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो साल 2021-22 में देश में दूध का कुल उत्पादन 221.06 मिलियन टन पर पहुंच गया है. जबकि साल 2020-21 में दूध का उत्पादन 210 मिलियन टन हुआ था. अगर बीते आठ साल की बात करें तो देश में 74 मिलियन टन से भी ज्यादा दूध का उत्पादन बढ़ा है.
2019-20 में 9.63 फीसद
2020-21 में 8.82 फीसद.
2021-22 में 10.35 फीसद.
हाल ही में कृषि मंत्रालय ने गायों की 10 नई नस्ल को और रजिस्टर्ड लिस्ट् में शामिल किया है. इससे पहले गायों की रजिस्टर्ड नस्ल की संख्या 41 थी. जिन 10 नई नस्ल को लिस्टन में शामिल किया गया है उसमे पोडा थुरुपू, नारी, डागरी, थूथो, श्वेता कपिला, हिमाचली पहाड़ी, पूर्णिया, कथानी, सांचौरी और मासिलुम है. नागालैंड की थूथो नस्ल भी रजिस्टर्ड हो गई है. इसका इस्तेमाल खासतौर पर खेती के काम में और समान ढोने वाली गाड़ी में किया जाता है. गोवा की श्वेता कपिला भी रजिस्टर्ड लिस्ट में शामिल हो गई है.
देश में देसी गायों की 51 रजिस्टर्ड नस्ल हैं.
देश में प्योर देसी नस्ल की गायों की संख्या 2.49 करोड़ है.
देश में देसी गायों की कुल संख्या 14.21 करोड़ है.
देश में दूध देने वाली देसी गायों की संख्या 3.59 करोड़ है.
देश के कुल दूध उत्पादन में देसी गायों का 20 फीसद हिस्सा है.
साल 2020-21 में देसी गायों का दूध उत्पादन 4.20 करोड़ मीट्रिक टन था.
मध्य प्रदेश- 54.68 लाख
यूपी- 50 लाख
बिहार- 44.68
राजस्थान- 42.29 लाख
पश्चिम बंगाल- 32.52.