राजस्थान में एक बार फिर से लंपी बीमारी की आहट सुनाई देने लगी है. प्रदेश के कई शहरों में गायों में लंपी के लक्षण दिखाई दिए हैं. अजमेर जिले की रुपनगढ़ तहसील और जैसलमेर शहर में स्थानीय लोगों ने कुछ गायों में लंपी के लक्षण देखे हैं. अजमेर से गायों के सैंपल लेकर भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज डायग्नोस्टिक लेबोरेट्री भेजे हैं. बता दें कि साल 2020 और 21 में राजस्थान में लंपी बीमारी से 76 हजार से अधिक गायों की मौत हो गई थी.
अजमेर जिले के रूपनगढ़ उपखंड क्षेत्र के गांव कोटड़ी और करडाला में 15 गायों में लंपी के लक्षण देखने को मिले हैं. पशु चिकित्सकों ने गायों के खून, धाव व नाक से सैंपल लेकर भोपाल भेजे हैं. रिपोर्ट आने पर गायों का सही तरीके से इलाज शुरू किया जाएगा. बता दें कि लंपी महामारी के वक्त पर किशननढ़ और रूपनगढ़ उपखंड में 810 गायों की मौत हुई थी. अजमेर जिले में लंपी बीमारी की शुरूआत यहीं से हुई थी.
जैसलमेर शहर की जय नारायण व्यास कॉलोनी व पुलिस लाईन बस्ती में घूमती गायों में लम्पी बीमारी के शुरुआती लक्षण देखने को मिले हैं. स्थानीय पर्यावरणविद् पार्थ जगाणी ने बताया कि शहर में घूम रही कई गायों में लंपी के लक्षण देखने को मिले हैं. इसीलिए हमने पशुपालकों से गायों का विशेष ध्यान रखने और पशु चिकित्सक से सलाह लेने के लिए बोल रहे हैं.
लंपी बीमारी को लेकर राजस्थान में अलग से गाइड लाइन जारी की हुई हैं. इसके अनुसार गायों के रहने वाली जगह को विशेष साफ-सफाई करें. उन्हें मक्खी-मच्छरों से बचाएं. साथ ही लक्षण वाली गायों को स्वस्थ्य गायों से अलग कर दें ताकि उनके संपर्क में आकर दूसरी गाय बीमार ना हों.
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पशुपालन विभाग 15 मई से लंपी टीकाकरण अभियान शुरू भी कर रहा है. विभाग प्रदेशभर में एक साथ गायों को लंपी के टीके लगाने की शुरूआत करेगा. हालांकि टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले ही गायों में लंपी के लक्षण दिखना शुरू हो गए हैं. पशुपालन विभाग का लक्ष्य प्रदेश में सभी गायों को कवर करने का है.
राजस्थान में 2020 और 2021 में लंपी बीमारी से 76030 मवेशियों की मौत हुई थी. हालांकि मृत पशुओं की असल संख्या इससे कहीं ज्यादा थी, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में यही दर्ज है. इन मृत गोवंश में से सरकार ने 55,586 दुधारू गायों की मौत में लंपी को कारण माना गया है. प्रदेश में बारां जिले को छोड़कर सभी जिलों में लंपी बीमारी फैली थी. इससे 15, 67,217 गोवंश प्रभावित हुए थे. इनमें से 76030 पशुओं की मौत हो गई.
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इनमें से अधिकतर गाय थीं. जोधपुर में लगभग 4159, बाड़मेर 2847, जैसलमेर 982, जालौर 3235, पाली 2136, बीकानेर 2985, चूरु 3756, हनुमानगढ़ 3191, गंगानगर 4878 पशुओं की मौत हुई थी.
वहीं, पूरे राजस्थान में 15,67,217 पशु संक्रमित हुए हैं. सबसे ज्यादा जोधपुर (115864), बाड़मेर (111204), जैसलमेर (41574), जालौर (67399), पाली (63298, बीकानेर (85706), चूरु (76302), हनुमानगढ़ (77331) और गंगानगर में (95236) पशु संक्रमित हुए हैं.
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