लंपी प्रभावित पशुपालकों को 40 हजार देने की घोषणा, अब दुधारू गायों का आंकड़ा ढूंढ़ रहा पशुपालन विभाग

लंपी प्रभावित पशुपालकों को 40 हजार देने की घोषणा, अब दुधारू गायों का आंकड़ा ढूंढ़ रहा पशुपालन विभाग

पशुपालन विभाग के पास लंपी से दुधारू गोवंश की मौतों का अलग से कोई आंकड़ा नहीं है. विभाग के पास लंपी बीमारी से हुई कुल मौतों 76030 गायों का ही डेटा है. ऐसे में यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि दुधारू पशुओं की मौत का आंकड़ा पशुपालन विभाग कैसे जुटाएगा?

राजस्थान सरकार ने लंपी से मरी दुधारू गायों के लिए मुआवजे की घोषणा की है. राजस्थान सरकार ने लंपी से मरी दुधारू गायों के लिए मुआवजे की घोषणा की है.
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • Feb 24, 2023,
  • Updated Feb 24, 2023, 1:49 PM IST

पिछले साल लंपी स्किन बीमारी से राजस्थान में हजारों गायों की मौत हो गई थी. जिससे कई पशुपालकों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ था. जिसके बाद किसानों और पशुपालकों ने राज्य सरकार से गायों की मौत पर मुआवजे की मांग की थी. वही 10 फरवरी 2023 को आए राज्य बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पशुपालकों को संबल देने के लिए लंपी से दुधारू गोवंश की मौत पर प्रति गाय 40 हजार रुपये देने का ऐलान किया था. लेकिन पशुपालन विभाग के पास लंपी से दुधारू गोवंश की मौतों का अलग से कोई आंकड़ा नहीं है.

विभाग के पास लंपी बीमारी से हुई कुल मौतों 76030 गायों का ही डेटा है. ऐसे में यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि दुधारू पशुओं की मौत का आंकड़ा पशुपालन विभाग कैसे जुटाएगा?

नोडल ऑफिसर नियुक्त

राज्य सरकार ने बजट घोषणा के क्रियान्वयन के लिए राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है. वहीं, स्वास्थ्य एवं प्रयोगशाला के अतिरिक्त निदेशक को सह-नोडल अधिकारी नियुक्त किया है. किसान तक ने पशुधन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. एन.एम सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि अप्रैल महीने से बजट घोषणा को अमल में लाया जाएगा. इससे पहले हम मृत गोवंश के आंकड़ों में से दुधारू पशुओं को अलग कर रहे हैं. साथ ही लंपी के वक्त इसमें शामिल अलग-अलग स्टेक होल्डर्स से बात की जा रही है. अगले कुछ दिनों में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और अप्रैल से पशुपालकों को मुआवजा देना शुरू कर दिया जाएगा.

मुआवजे के लिए फिर से बनेंगी गाइडलाइन

बजट में मुख्यमंत्री गहलोत की घोषणा के बाद विभाग हरकत में आया है. लेकिन दुधारू गोवंश की मौत का कोई आंकड़ा नहीं होने से तैयारी शुरू से करने होगी. दुधारू गायों की तलाश के लिए अब विभाग नई गाइडलाइन बनाने पर काम कर रहा है. गाइड लाइन बनाने में पशुपालन विभाग, गौ-पालन, पशुधन विकास बोर्ड, आरसीडीएफ, रेवेन्यू और पंचायती राज विभाग के अधिकारी शामिल होंगे. इसके बाद ही पशुपालकों को आर्थिक सहायता देने का रास्ता साफ होगा. 

दुधारू गाय की कीमत 70-80 हजार रुपये, मुआवजा 40 हजार 

राजस्थान में अच्छी नस्ल की दुधारू गायों की कीमत काफी अच्छी है. ये कीमत दूध के हिसाब से होती है. जैसलमेर जिले के सांवता गांव के पशुपालक सुमेर सिंह बताते हैं कि हमारे क्षेत्र में गायों की कीमत प्रति लीटर दूध के हिसाब से तय होती है. राठी गाय पर यह 5-8 हजार रुपये प्रति लीटर है.

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नस्ल के हिसाब से यह कीमत बढ़ती ही है. इस तरह एक दुधारू गाय की कीमत 70-80 हजार रुपये तक है. लेकिन सरकार ने 40 हजार रुपये ही मुआवजा घोषित किया है.

राजस्थान में 15.67 लाख पशुओं को हुआ लंपी

प्रदेश में बारां जिले को छोड़कर सभी 33 जिलों में लंपी बीमारी फैली थी. इससे 15, 67,217 गोवंश प्रभावित हुए थे. इनमें से 76030 पशुओं की मौत हो गई. इनमें से अधिकतर गोवंश थे. इसमें जोधपुर में लगभग 4159, बाड़मेर 2847, जैसलमेर 982, जालौर 3235, पाली 2136, बीकानेर 2985, चूरु  3756, हनुमानगढ़ 3191, गंगानगर 4878 पशुओं की मौत हुई थी. 

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वहीं, पूरे राजस्थान में 15,67,217 पशु संक्रमित हुए हैं. सबसे ज्यादा जोधपुर (115864), बाड़मेर (111204), जैसलमेर (41574), जालौर (67399), पाली (63298, बीकानेर (85706), चूरु (76302), हनुमानगढ़ (77331) और गंगानगर में (95236) पशु संक्रमित हुए हैं. 

विधानसभा में गूंजा था मुद्दा

पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने विधानसभा में बताया था कि लंपी वायरस से बचाव के लिए राज्य सरकार ने एक करोड़, छह लाख 46 हजार गौवंश का टीकाकरण किया गया है. मंत्री ने दावा किया था कि जिन जिलों में लंपी नहीं फैला था, वहां बड़ी संख्या में टीकाकरण कर गौवंश को बचाया गया. मंत्री कटारिया ने जानकारी दी थी कि विधानसभा के सदस्यों ने भी टीकाकरण के लिए करीब 13 करोड़ 52 लाख रुपये विधायक कोष से दिए, वहीं सांसदों द्वारा 80 लाख रुपये दिए गए. 

इससे पहले पशुपालन मंत्री ने विधायक राजेन्द्र राठौड़ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा था कि प्रदेश में लंपी स्किन रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए गौवंशीय पशुओं में भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार गोट-पॉक्स वैक्सीन से माह दिसम्बर, 2022 तक कुल 106.46 लाख चिन्हित गौवंशीय पशुओं में टीकाकरण किया गया है. 
 

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