उत्तर प्रदेश में इन दिनों मिला-जुला मौसम चल रहा है. प्रदेश के कुछ जिलों में धूप निकलने की वजह से चिपचिपी गर्मी ने परेशान कर रखा है तो वहीं कई जगहों पर बारिश भी देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से तापमान में गिरावट आई है और लोगों को गर्मी से राहत मिली है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 28 मई यानी बुधवार को पश्चिमी और पूर्वी हिस्से में कहीं-कहीं पर बारिश और गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई हैं. इस दौरान पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं पर बादल गरजने व बिजली चमकने के साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से झोंकेदार हवा चल सकती है.
वहीं प्रदेश के तापमान की बात करें तो मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 48 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 2-4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की संभावना है. उसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसी मात्रा में गिरावट आने की संभावना है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान का अलर्ट जारी किया है. इस दौरान आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और गरज के साथ हल्की फुहारें पड़ने की संभावना है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां चक्रवाती तूफान आने की संभावना है, वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित राज्य के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश और तेज हवाएं चल सकती.
जिन जिलों में गरज-चमक के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से झोंकेदार हवा चलेगी और बारिश होगी, उनमें बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, मऊ, चित्रकूट, प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, गोंडा, वाराणसी, संतरविदास नगर, गाजीपुर, महोबा, चंदौली, बांदा, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, ललितपुर,श्रावस्ती, उसके आसपास के इलाके हैं.
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि इस बार प्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है. देशभर में मॉनसून के दौरान औसत वर्षा दीर्घावधि औसत (LPA) का 106% रहने का अनुमान है. वहीं, उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा और बेहतर रहने की उम्मीद है.
पूर्वी उत्तर प्रदेश में वर्षा दीर्घावधि औसत (799 मिमी) का 110%, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में औसत (672 मिमी) का 112% रहने की संभावना जताई गई है. इस प्रकार पूरे प्रदेश में औसत वर्षा सामान्य से 10 से 12 प्रतिशत अधिक रह सकती है. इसके अतिरिक्त, जून महीने में भी सामान्य से अधिक बारिश के कारण तापमान अपेक्षाकृत कम रह सकता है. इसका सीधा असर लू (हीटवेव) पर पड़ेगा और लू के दिनों की संख्या सामान्य से कम रहने की संभावना है.
मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि मॉनसून पूर्वानुमान वैश्विक जलवायु मॉडलों और एल-निनो/ला-निनो की तटस्थ स्थिति और हिंद महासागरीय द्विध्रुव (IOD) के नकारात्मक से तटस्थ होते प्रभावों पर आधारित है. इन परिस्थितियों से मॉनसून की अनुकूलता और बेहतर होती दिख रही है. कृषि, जल प्रबंधन और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए यह पूर्वानुमान महत्वपूर्ण है. क्योंकि अधिक वर्षा और कम तापमान से फसल उत्पादन, जल संसाधनों और जनजीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. ता दें कि यूपी में 2 जून तक बारिश होने की संभावना है. हालांकि 1 और 2 जून को प्रदेश के पश्चिमी यूपी में मौसम को लेकर कोई अलर्ट नहीं जारी है.
मौसम विभाग का अनुमान है कि 30 और 31 मई को पूर्वांचल के कई जिलों में तेज आंधी और तूफान की पूरी संभावना है. लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ और आस-पास के जिलों में इस दौरान विशेष सतर्कता बरतने की अपील की गई है.
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