मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि आज प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के सदन पोर्शन मध्यप्रदेश से सटे जिलों में हल्की फुल्की बारिश होने की संभावना है.
यूपी की राजधानी लखनऊ में 17.2 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है. आने वाले दिनों में प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रहने वाला है. हालांकि, अगले दो दिन तक हल्की बारिश होने की संभावना है.
मौसम विभाग के मुताबिक, शाहजहांपुर में सबसे ज्यादा 52 मिमी तक बारिश रिकॉर्ड की गई है. साथ ही बरेली में 26 मिमी, मुरादाबाद में 33.4 मिमी और अलीगढ़ में 9.4 मिमी तक बारिश दर्ज की गई है.
मौसम वैज्ञानिक अतुल सिंह ने बताया कि पश्चिम बंगाल की खाड़ी के आसपास सक्रिय निम्न दबाव के क्षेत्रफल के कारण उत्तर प्रदेश में मॉनसून सक्रिय हुआ है. इसके प्रभाव से उत्तर प्रदेश में आने वाले दो दिनों तक कुछ स्थानों पर हल्की जो कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है.
आने वाले दिनों में भी बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है. मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि अगले कुछ दिनों तक यूपी के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. इसके साथ ही, कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश का भी अनुमान है.
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक 2 सितंबर से मॉनसून एक्टिव होने जा रहा है. धीरे- धीरे बारिश का सिलसिला बढ़ने के आसार है. मॉनसून ट्रफ के दक्षिण से अपने सामान्य स्थिति की ओर खिसकने के संकेत हैं.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 37 जिलों में अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है. जबकि सात ऐसे जिले हैं जहां पर सामान्य से अधिक बारिश हुई है. वहीं मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के 31 जिलों में सामान्य बारिश दर्ज की गई.
लखनऊ मौसम केंद्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि सितंबर महीने में प्रदेश के पूर्वोत्तर भाग को छोड़कर राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार है.
प्रदेश में शुक्रवार को प्रयागराज में 36.9 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे गर्म रहा. वहीं आगरा में 36.6 डिग्री और बहराइच में 36.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ.बरसात के बीच रुक-रुक कर हो रही बारिश के बाद अब तेज धूप निकलने लगी है. ऐसे में तापमान में बढ़ोतरी हो रही है.
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, फिलहाल प्रदेश में एक्टिव वेदर सिस्टम के कमजोर पड़ने और कम दबाव क्षेत्र के अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर खिसकने से बारिश की तीव्रता और क्षेत्रफल में कमी देखने को मिलेगी.