देश के कई राज्यों में मॉनसून सक्रिय है. इसमें सबसे अधिक प्रभाव गुजरात और दक्षिण के कई राज्यों में दिख रहा है. मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी मध्य प्रदेश, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. बीते दिन की बात करें तो पंजाब, विदर्भ, ओडिशा, पूर्वोत्तर भारत, मराठवाड़ा, तेलंगाना, पूर्वी राजस्थान, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश हुई है.
मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि अगले सात दिनों में कोंकण और गोवा, गुजरात और पश्चिम भारत में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. शनिवार तक पश्चिमी मध्य प्रदेश और सौराष्ट्र और कच्छ में, बुधवार और गुरुवार को पूर्वी मध्य प्रदेश में, गुरुवार को विदर्भ में, बुधवार से सोमवार तक छत्तीसगढ़ में और शुक्रवार से चार दिनों तक मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में काफी तेज बारिश होने की संभावना है.
गुजरात से सटे राजस्थान की बात करें तो यहां भी भारी बारिश हो रही है. जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार बुधवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटों में राज्य के अधिकांश स्थानों पर गरज के साथ बारिश दर्ज की गई. जयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, कोटा, बूंदी, बारां, टोंक, जोधपुर, जालौर और पाली जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई और उदयपुर, भीलवाड़ा और बाड़मेर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई.
ये भी पढ़ें:- गुजरात में भारी बारिश से 7 हजार गांव और 17 शहरों में तबाही, पानी में गई करोड़ों की संपत्ति
उदयपुर के ऋषभदेव में सबसे अधिक 167 मिमी बारिश दर्ज की गई. बाड़मेर के गुढ़ा मालानी में 147 मिमी और भीलवाड़ा के कोटडी में 119 मिमी बारिश दर्ज की गई. 24 घंटे की अवधि में बूंदी के नैनवा में 93 मिमी, बांसवाड़ा में 86 मिमी, बाड़मेर के नोखड़ा में 84 मिमी, जयपुर के बस्सी में 84 मिमी, दौसा के लवाण में 80 मिमी, जालौर के सांचौर में 80 मिमी, कोटा के पीपल्दा में 75 मिमी, बारां के मांगरोल में 77 मिमी और चित्तौड़गढ़ के बड़ी सादड़ी में 73 मिमी बारिश दर्ज की गई.
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र बुधवार को कमजोर पड़ गया है और चक्रवाती सर्कुलेशन में बदल गया है. अभी यह दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान क्षेत्र के ऊपर स्थित है. अधिकारी ने बताया कि अगले 24 घंटे में बंगाल की खाड़ी में एक नया कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. मौसम की स्थिति के अनुसार बुधवार को जोधपुर, उदयपुर, कोटा और अजमेर संभाग में कुछ स्थानों पर भारी और बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. जयपुर, भरतपुर और बीकानेर संभाग के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश भी हो सकती है.
मौसम विभाग के अनुसार अगले चार से पांच दिनों तक पूर्वी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मॉनसून सक्रिय रहेगा और कुछ स्थानों पर भारी बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी. आगे चलकर देश में ला नीना के एक्टिव होने की भी सूचना है जिससे भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है.
हालांकि भारत में ला नीना के एक्टिव होने पर सस्पेंस बना हुआ है. ऑस्ट्रेलिया के मौसम विज्ञान ब्यूरो (BoM) ने कहा है कि ला नीना के एक्टिव होने की संभावना 22 सितंबर के आसपास शुरू होती है और 22 दिसंबर तक रहती है. BoM ने कहा कि 7 में से 4 जलवायु मॉडल अक्टूबर तक इसके एक्टिव होने की जानकारी दे रहे हैं. अगस्त-अक्टूबर के दौरान मौसम की स्थिति मजबूत होगी और 79 प्रतिशत संभावना है कि ला नीना उत्तरी गोलार्ध में शीत ऋतु 2024-25 तक जारी रहेगी,
जो जनवरी 2025 तक चल सकती है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ला नीना अगस्त 2024 और जनवरी 2025 के बीच एक्टिव होगा. बीओएम ने कहा कि पांच जलवायु मॉडलों में से तीन का सुझाव है कि वसंत के दौरान नकारात्मक इडियन ओशन डाइपोल (IOD) बनने की संभावना है, जबकि दो मॉडल ने इसके न्यूट्रल रहने की बात कही है.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today