गुजरात के अलग-अलग हिस्सों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई. मंगलवार को लगातार तीसरे दिन भी भारी बारिश जारी है जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और निचले इलाकों में बाढ़ आ गई. अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश के बीच बांधों और नदियों का पानी लगातार बढ़ने के कारण 6,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है.
अधिकारियों के अनुसार, सोमवार को बारिश से जुड़ी घटनाओं में सात लोगों की जान चली गई. गांधीनगर, खेड़ा और वडोदरा जिलों में दीवार गिरने की घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति की पेड़ गिरने से मौत हो गई और आनंद जिले में दो अन्य डूब गए. पंचमहल, नवसारी, वलसाड, वडोदरा, भरूच, खेड़ा, गांधीनगर, बोटाद और अरावली जिलों के प्रशासन ने नदियों और बांधों में जल स्तर बढ़ने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ के बीच एहतियात के तौर पर सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. अधिकारियों ने बताया कि पंचमहल में जिला प्रशासन ने करीब 2,000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया है, जबकि वडोदरा में 1,000, नवसारी में 1,200 और वलसाड में 800 लोगों को अन्य क्षेत्रों में पहुंचाया गया है.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (AIOC) की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक औसत वार्षिक बारिश का लगभग 100 प्रतिशत बारिश हुई है, जिसमें कच्छ, सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में इस मौसम में औसत वार्षिक वर्षा का 100 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है.
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को राज्य के अधिकांश हिस्सों में, बुधवार और गुरुवार को सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में और गुरुवार तक पूरे राज्य में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया है. मोरबी जिले के टंकारा तालुका में मंगलवार सुबह 6 बजे तक 24 घंटों में 347 मिमी बारिश हुई, जो राज्य में सबसे अधिक है. इसके बाद पंचमहल में मोरवा हदफ (346 मिमी), खेड़ा में नाडियाड (327 मिमी), आनंद में बोरसाद (318 मिमी), वडोदरा तालुका (316 मिमी) और आनंद तालुका (314 मिमी) हैं.
एसईओसी ने कहा कि 251 तालुकाओं में से कम से कम 24 में 200 मिमी से अधिक बारिश हुई और 91 तालुकाओं में 24 घंटों में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई. मंगलवार को राजकोट शहर में फिर से बारिश हुई, जिससे निचले इलाके, सड़कें और अंडरपास जलमग्न हो गए. एसईओसी के आंकड़ों से पता चला कि अकेले राजकोट शहर में सुबह 6 बजे से चार घंटे में 142 मिमी बारिश हुई. इसके अलावा, सुरेंद्रनगर, खेड़ा और देवभूमि द्वारका में भी सुबह के समय बारिश हुई. राज्य सरकार ने एक अपडेट में कहा कि 96 जलाशय खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं और उनके लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है. खतरे के निशान के करीब बहने वाले 19 बांधों के लिए चेतावनी जारी की गई है.
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