scorecardresearch
दिल्ली में टूटा पिछले 36 साल का रिकॉर्ड, सबसे ठंडा रहा इस बार का मई महीना

दिल्ली में टूटा पिछले 36 साल का रिकॉर्ड, सबसे ठंडा रहा इस बार का मई महीना

मई महीना लू और भीषण गर्मी के लिए माना जाता है. लेकिन इस बार रिकॉर्ड टूट गया जब अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री दर्ज किया गया. इससे पहले 1987 में इससे भी कम 36 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था. तापमान में गिरावट इसलिए रही क्योंकि मई में लगातार कई दिनों तक बारिश होती रही.

advertisement
मई महीने में कई दिनों तक बारिश होने से तापमान में आई भारी गिरावट (फोटो साभार-India Today/PTI) मई महीने में कई दिनों तक बारिश होने से तापमान में आई भारी गिरावट (फोटो साभार-India Today/PTI)

इस बार मई महीने ने दिल्ली में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है. 36 साल बाद दिल्ली में मई का महीना सबसे ठंडा रहा है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मई महीने में कई बार बारिश हुई जिससे तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की गई. बारिश की वजह से सामान्य तापमान गिरकर 36.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यह वही मई महीना है जिसमें तेज लू चलती है और गर्मी से लोगों की हालत खराब हो जाती है. इस बार ऐसा नहीं हुआ क्योंकि मई महीने में लगातार बारिश होती रही. भारत मौसम विज्ञान केंद्र (IMD) के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली में मई 1987 में औसत अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. उसके बाद इस साल मई में अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री दर्ज किया जो कि 1987 के बाद सबसे कम है.

मई में केवल नौ दिनों के लिए दिल्ली में अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया. इससे राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति देखी गई जिससे लोग प्रभावित हुए. श्रीवास्तव ने कहा, "सफदरजंग वेधशाला में इस साल प्री-मॉनसून सीजन में लू की स्थिति नहीं देखी गई है. ऐसा 2014 के बाद पहली बार हुआ है." पिछले साल दिल्ली में प्री-मॉनसून सीजन में 13 दिन लू चले थे जिसमें नौ अप्रैल में और चार मई में. उससे पहले 2021 में केवल एक लू, 2020 में चार और 2019 में एक लू की स्थिति दर्ज की गई थी.

दिल्ली को मिली लू से निजात

किसी भी जगह पर लू की स्थिति तब होती है जब मैदानी इलाके का तापमान 40 डिग्री को पार कर जाए. तटीय इलाके में 37 डिग्री और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री पर तापमान पहुंच जाए तो उसे लू कहते हैं. अगर सामान्य तापमान से पारा 4.5 डिग्री अधिक हो जाए तो उसे लू की श्रेणी में रखते हैं.

ये भी पढ़ें: Monsoon: मॉनसून ने पकड़ी रफ्तार, जल्द इन राज्यों में दे सकता है दस्तक, IMD ने दी जानकारी

दिल्ली में मई का महीना सबसे गर्म होता है. लेकिन इस बार अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री से कम रहा जो कि लू के पारे से कम है. इस महीने में 111 एमएम बारिश दर्ज की गई है जो कि मई की सामान्य बारिश 30.7 एमएम से 262 फीसद अधिक है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मई के महीने में चौथी बार इतनी बारिश हुई है. इससे पहले 2008 में 165 एमएम, 2021 में 144.8 एमएम और 2002 में 129.3 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी. 2017 के बाद इस बार अप्रैल में सबसे ज्यादा बारिश हुई है. बारिश के कारण राजधानी को इस बार गर्मी का सामना नहीं करना पड़ा.

पश्चिमी विक्षोभ ने दिलाई राहत

मौसम विभाग के अनुसार औसत से अधिक बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई है. प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि प्री-मॉनसून सीजन (मार्च से मई) में सामान्य से अधिक पश्चिमी विक्षोभ देखा गया है. मैदानी इलाको में अप्रैल से मई के बीच पांच से छह पश्चिमी विक्षोभ देखा जाता है. लेकिन इस बार 10 पश्चिमी विक्षोभ को रिकॉर्ड किया गया. उन्होंने कहा, यह असामान्य जरूर है लेकिन हम इसे आंकड़े उपलब्ध नहीं होने के कारण जलवायु परिवर्तन से नहीं जोड़ सकते.

ये भी पढ़ें: Weather News: राजस्थान में मई महीने में टूटा बारिश का 105 साल का रिकॉर्ड, सभी जिलों में दिखा मौसम का असर

आईएमडी के अनुसार, दिल्ली में इस प्री-मॉनसून सीजन (मार्च से मई) में 184.3 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य बारिश से 186 फीसद अधिक है. यही वजह है कि इस बार मई महीने में लोगों को जरा भी गर्मी नहीं लगी. दो-चार दिन को छोड़ दें तो मौसम लगभग सुहावना रहा. लोगों के एसी-पंखे का बिजली बिल भी बचा.