चक्रवाती तूफान मिचौंग का असर झारखंड में भी दिखाई दे रहा है. यहां राजाधानी रांची में मंगलवार रात से हो रही लगातार रुक रुक कर हो रही बारिश ने जन जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है. अधिकारियों ने बताया कि झारखंड में गुरुवार को रुक-रुक कर हो रही बारिश से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. उन्होंने बताया कि मंगलवार शाम से हो रही हल्की से मध्यम बारिश से राज्य के दिन के तापमान में गिरावट आई है. बुधवार को भी दिन भर जिले के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होती रही. बुधवार को रांची का अधिकतम तापमान 18.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 6.8 डिग्री कम है.
वहीं जमशेदपुर और डाल्टनगंज में अधिकतम तापमान क्रमश: 23.2 और 20.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से कम है. रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने पीटीआई-भाषा को बताया, "दिन के तापमान में गिरावट अगले 24 घंटों तक जारी रह सकती है. इसके बाद यह धीरे-धीरे बढ़ सकती है, क्योंकि शुक्रवार के बाद चक्रवात का प्रभाव कम हो जाएगा. उन्होंने कहा कि गुरुवार शाम से बारिश की तीव्रता कम हो जाएगी. बारिश के कारण राज्य की राजधानी रांची के कई इलाकों में बिजली कटौती का सामना करना पड़ा और कई सड़कों पर भी यातायात जाम का सामना करना पड़ा.
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मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटे में राज्य में लगभग सभी स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश दर्ज की गई है. जबकि एक दो स्थानों पर भार बारिश हुई है. सरायकेला खरसावां स्थित सरकेला में सबसे अधिक 75.4 एमएम बारिश दर्ज की गई. सबसे अधिक तापमान 25.3 डिग्री सेल्सियस गोड्डा में रिकॉर्ड किया गया, जबकि सबसे कम तापमान 15.7 डिग्री रांची में दर्ज किया गया है. साथ ही यह भी कहा है कि आठ दिसंबर को बारिश में कमी आएगी. सुबह में कोहरा या धुंध छाया रहेगा औऱ बाद में आंशिक बादल छाए रहेंगे. 10 दिसंबर के बाद मौसम साफ होगा.
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किसान तक से बात करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र रांची के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अजीत सिंह ने कहा कि रांची में लगातार हुई दो दिन की बारिश के कारण जहां एक ओर धान किसानों के लिए परेशानी का सबब लेकर आई है वहीं सब्जी और रबी फसलों के लिए यह बारिश अच्छा है. उन्होंने कहा कि जहा पर खेतों में धान की कटाई चल रही है या धान काट कर रखा गया उस धान में नमी आ जाने के कारण वह खराब हो सकती है, इसके अलावा बीज के लिए खेती करने वाले किसानों को नुकसान का सामना करना पडेगा. सब्जी औऱ गेहूं की खेती के लिए यह अच्छा है. आलू किसानों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे में झुलसा रोग का प्रकोप हो सकता है इससे बचाव के लिए मैंकोजब दो ग्राम प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें. बारिश के बाद कुहासा का दौर शुरू हो सकता है इसलिए किसान अपमे खेत में नमी बनाएं रखें.
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