झारखंड में अब तक कमजोर ही रहा म़ॉनसून, सूखे की आशंका को देखते हुए कृषि विभाग अलर्ट

झारखंड में अब तक कमजोर ही रहा म़ॉनसून, सूखे की आशंका को देखते हुए कृषि विभाग अलर्ट

झारखंड में 15 जिले ऐसे हैं जहां पर अब तक 40 से भी फीसदी कम बारिश हुई है. यह वजह है कि कृषि विभाग भी लगातार इस पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं औऱ आकस्मिक प्लान भी तैयार कर लिया गया है.

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झारखंड में अब तक कमजोर ही रहा म़ॉनसून, सूखे की आशंका को देखते हुए कृषि विभाग अलर्ट झारखंड में अब तक कमजोर रहा मॉनसून फाइल फोटोः किसान तक

झारखंड में इस बार भी मॉनसून अब तक फीका नजर आ रहा है. बारिश नहीं होने के कारण किसान अभी तक धान की रोपाई नहीं कर पाए हैं. राज्य में 15 जुलाई से धान की रोपाई शुरू होने है पर अभी तक कई ऐसे किसान हैं जिन्होंने अभी तक धान की नर्सरी भी तैयार नहीं की है क्योंकि कई जिले ऐसे हैं जहां पर खेत तैयार करने लायक भी बारिश नहीं हो रहा है. इसके अलावा किसान इस आशंका से भी डरे हुए हैं कि अगर पैसे खर्च करके वो धान की नर्सरी तैयार भी कर दे और बारिश नहीं हुई तो उनका मेहनत और पैसा दोनों चला जाएगा. 

झारखंड में 15 जिले ऐसे हैं जहां पर अब तक 40 से भी फीसदी कम बारिश हुई है. यह वजह है कि कृषि विभाग भी लगातार इस पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं औऱ आकस्मिक प्लान भी तैयार कर लिया गया है. अगर आने वाले दिनों में मॉनसून की स्थिति में सुधार नहीं होता है तो फिर इसे राज्य लागू किया जाएगा. बारिश की बात करें तो पूरे झारखंड में इस समय पर 255 मिमी बारिश होती है पर अभी तक राज्य में मात्र 155 फीसदी के आस-पास ही बारिश दर्ज की गई है.

14 जुलाई से मॉनसून में सुधार की उम्मीद

मौसम विभाग द्वारा मंगलवार शाम को जारी किए गए बयान में कहा गया है कि राज्य में मॉनसून की गतिविधि कमजोर चल रही है. मौसम विभाग यह उम्मीद कर रहा है कि गुरुवार से मॉनसून राज्य में एक बार फिर सक्रिय हो सकता है. इससे बारिश में जो कमी आई है उसकी भारपाई की जा सकती है. चार जिलों में सामान्य बारिश हुई है, जबकि 14 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से कम बारिश हुई है. जबकि छह ऐसे हैं जहां पर सामान्य से भी कम बारिश हुई है. उम्मीद की जा रही है की 14 जुलाई के बार मॉनसून की स्थिति में सुधार आएगा और किसानों को थोड़ी राहत मिलेगी.

सिंचाई के वैकल्पिक स्त्रोत भी हैं सूखे

गौरतलब  है कि झारखंड में पिछले कुछ वर्षों से लगातार इस तरह की स्थिति देखने के लिए मिल रही है. पिछले बार भी राज्य में भंयकर सूखा पड़ा था. इस बार भी मौसम कुछ इसी तरह की अनहोनी की तरफ इशारा कर रहा है. अभी तक राज्य के कुएं नदीं और तालाब सूखे हुए हैं, इसके कारण किसान धान की खेती भी नहीं कर पा रहे हैं. गुमला, रांची, बोकारो, पूर्वी सिंहभूम के जिलों में अभी तक नाम मात्र की धान की बुवाई की गई है. इस बार भी अगर बारिश की स्थिति खराब रहती है तो झारखंड के किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी. 

 

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