उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने की घटना ने व्यापक तबाही मचा दी है. जिला मुख्यालय से क़रीब 80 किलोमीटर दूर ये गांव स्थित है, जहां दोपहर को बादल फटा है. बादल फटने की वजह से माचिस की डिब्बी की तरह इमारतें बहते दिखाई दिए. आसमान से आई आफ़त की भयावह तस्वीरें और वीडियो भी आए हैं. इस हादसे में अब तक चार लोगों की जान जा चुकी हैं. वहीं 50 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं.
जिला प्रशासन ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए राहत और बचाव कार्यों को शीघ्रता से अंजाम देने के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. प्रभावित लोग और उनके परिजन मदद के लिए निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं - 01374222126, 01374222722 और 9456556431.
जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र, हरिद्वार - हेल्पलाइन नंबर: 01374-222722, 7310913129, 7500737269. टोल-फ्री नंबर - 1077, ईआरएसएस टोल-फ्री नंबर - 112.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, देहरादून - हेल्पलाइन नंबर: 0135-2710334, 2710335, 8218867005, 9058441404. टोल-फ्री नंबर - 1070, ईआरएसएस टोल-फ्री नंबर - 112.
इसके अतिरिक्त, डीईओसी (जिला आपातकालीन संचालन केंद्र) उत्तरकाशी भी समन्वय और आपदा प्रबंधन कार्य में सक्रिय है.
जहां बादल फटने की घटना हुई है वह राजधानी देहरादून से 220 किलोमीटर दूर है. यह इलाका गंगोत्री धाम के बाहर नज़दीक है. धराली गांव एनएचएस-34 पर हर्षिल से क़रीब 6-7 किलोमीटर ऊपर गंगोत्री की ओर खीर गंगा नदी के समीप स्थित है. बताया जा रहा है कि इस इलाके में बड़ी संख्या में होम स्टे और होटल भी थे.
राहत बचाव कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया जा चुका है. घटनास्थल और उसके आस-पास के इलाकों में लगातार तेज बारिश हो रही है इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है. भारतीय सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है. सेना, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर बचाव कार्य में मदद कर रही है.
पहाड़ से आए तेज मलबे के बहाव और मूसलाधार बारिश के कारण गांव के कई हिस्से बह गए. धराली गांव के ऊंचाई वाले इलाकों में स्थित मकानों को भी क्षति पहुंची है. प्रशासन का कहना है कि कुछ लोग मलबे में दबे हो सकते हैं.
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