केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर ने अपने जवानी के दिनों को याद करते हुए कद्दू की खेती कर अपने परिवार का कर्ज चुकाने का किस्सा सुनाया. उन्होंने किसानों को अच्छी पैदावार और खेसी से कमाई बढ़ाने के लिए अच्छे किस्मों के बीजों के इस्तेमाल की सलाह दी. वह पूसा कृषि विज्ञान मेला (PKVM) 2025 में किसानों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक उन्नत किस्मों के बीजों को विकसित करने में जुटे हैं, ताकि उत्पादन और आय बढ़ाई जा सके.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-IARI) का पूसा कृषि विज्ञान मेला (PKVM) 2025 22-24 फरवरी 2025 शुरू हो गया है. मेले का विषय उन्नत कृषि विकसित भारत है. मेला के शुभारंभ अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने किसानों को संबोधित किया. उन्होंने उन्नत बीजों के इस्तेमाल करने के लिए किसानों को प्रेरित किया.
कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने कहा कि 1967 में मैट्रिक पास किया था और गांव से पहली बार पटना गया था. पिता जी से मिलने. पिताजी से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि रामनाथ कहां आए हो और किसलिए आए हो. तो मैने बताया कि मैं पटना देखने आया हूं. तो उन्होंने कहा घर लौटो और वहां खेती करो. इसके बाद मैं गांव लौटा और बैसाख महीने में कद्दू की खेती की शुरुआत की. चार कट्ठे में कद्दू की खेती की और उससे कमाई करके दादा-पिताजी पर जो कर्ज हो गया था उसे उतार दिया.
रामनाथ ठाकुर ने कहा कि किसानों को अच्छे बीजों का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर बीज में गड़बड़ी होगी और खाद का ज्यादा इस्तेमाल होगा तो उपज और आमदनी बढ़ेंगी, लेकिन वह आमदनी दवाओं में खर्च हो जाएगी. इसलिए अच्छे बीजों का इस्तेमाल करें. उन्होंने कहा कि किसानों को जैविक खेती की ओर बढ़ना होगा. उन्होंने ने कहा कि कृषि के विकास के लिए किसानों का अहम योगदान रहने वाला है.
रामनाथ ठाकुर ने कहा कि 40-50 साल पहले वैज्ञानिक गांवों में जाकर नए बीजों और कृषि यंत्रों का प्रदर्शन करते थे, जो अब नहीं हो रहा है. उन्होंने आईसीएआर के वैज्ञानिकों से अपील की कि गांवों में अच्छे बीजों का प्रदर्शन किया जाए. क्योंकि, अगर जमीन का स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो किसान मजबूत होगा.
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