झारखंड के रामगढ़ जिले का गोला प्रखंड सब्जी उत्पादन के मामले में काफी मशहूर है. यहां पर पूरे साल हर चीज की खेती होती है. यहां के किसानों की मेहनत के कारण यहां लगभग सभी खेत सभी मौसम में अब हरे भरे दिखाई देते हैं. खेती के क्षेत्र में गोला को मशहूर बनाने के लिए यहां के पुरुष किसानों के साथ महिला किसानों की भूमिका भी बड़ी है. गोला की इस सफलता के लिए यहां के महिला किसानों की मेहनत रंग लाती दिख रही है. ये महिलाएं बेहतर खेती का प्रशिक्षण लेकर खेती कर रही हैं और अच्छा मुनाफा कमा रही हैं.
एक ऐसी ही किसान हैं जिनका नाम है सुनीता देवी. सुनीता देवी गोला प्रखंड के डिमरा गांव की महिला किसान हैं जो खेती-बाड़ी में सफलता की नई कहानी लिख रही हैं. एक दशक पहले गांव की अन्य महिलाओं की तरह सुनीता भी पारंपरिक तरीके से खेती करती थीं. खेती से जितनी उपज मिलती थी, उन्हें उससे संतुष्ट रहना पड़ता था. लेकिन बाद में यह बदहाली खत्म हो गई, क्योंकि सुनीता ने उन्नत खेती की ट्रेनिंग ली. नतीजतन, आज सुनीता सब्जियों की खती से मोटा मुनाफा कमा रही हैं.
झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशनल सोसायटी की ओर से चलाए जाने वाले एक महिला समूह से सुनीता को अच्छी मदद मिली. इस समूह से जुड़ने के बाद सुनीता देवी के जीवन में काफी बदलाव आ गया है. उन्हें आजीविका कृषि मित्र का प्रशिक्षण दिया गया, जिससे वे खेती की बारीकियो को समझने लगीं. इसका फायदा ये हुआ कि उन्हें अच्छी खेती करने आ गई है. उनकी कमाई भी बढ़ गई है.
ट्रेनिंग लेने के बाद ध्यान इस पर जाने लगा कि कमाई कैसे बढ़ाई जाए. इसके लिए सब्जी की खेती मुफीद लगी. प्रमोशनल सोसायटी की तरफ से डिमरा गांव की महिलाओं को एक ही प्रकार की सब्जियों की खेती करने के लिए कहा गया. इसका मकसद ये था कि अधिक उत्पादन हासिल किया जा सके. महिलाओं से खास प्रकार की सब्जियों की खेती कराई गई जिनकी बाजार में मांग अधिक रहती है और पैसा भी अच्छा मिलता है. उत्पादन अच्छा होने से महिला किसानों को एक ही जगह पर बेचकर अच्छे दाम मिलने लगे. इसमें सुनीता देवी भी शामिल रहीं जिनकी कमाई पहले से बढ़ती गई. अब उन्नत किस्म के बीज और खाद उचित दर पर महिलाओं को मिल जाता है. आज इस समूह में 128 महिला किसान जुड़ी हुई हैं.
सुनीता देवी बताती हैं कि उन्नत तकनीक से खेती करने के बाद उनके जीवन में काफी बदलाव आय़ा है. इसके अलावा गांव की अन्य महिला किसानों की जिंदगी भी खुशहाल हो रही है. बेहतर कृषि तकनीक सीखने के बाद अब कम लागत में अधिक कमाई हो रही है. अब एक सीजन में सब्जी बेचकर कर वे 80-90 हजार रुपये की कमाई कर लेती हैं. सुनीता एक एकड़ में कमाई करती हैं. वे बताती हैं कि गांव में उनकी जैसी और भी महिला किसान हैं जिनके जीवन में खेती के बाद खुशहाली आई है.
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