
देश के किसान अब पारंपरिक फसलों को छोड़कर फूलों और फलों की खेती कर रहे हैं. ऐसी ही खेती महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के किसान कर रहे हैं. यहां के किसान अब फूलों की खेती की तरफ बढ़ने लगे हैं. दरअसल दिग्रस गांव के एक छोटे किसान ने आधुनिक तरीके से फूलों की खेती करना शुरू किया और अब वह उस खेती को अपनी कमाई का जरिया बनाकर लाखों रुपये कमा रहे हैं. साथ ही इस खेती के माध्यम से वह गांव की दूसरी महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं. फूलों की बढ़ती मांग को देखकर मराठवाड़ा के किसान अब फूलों की खेती करने लगे हैं. हिंगोली के किसान गजानन माहोरे नें अपने तीन एकड़ खेत और कॉन्ट्रेक्ट पर तीन एकड़ जमीन लेकर उसमे अलग-अलग किस्म के फूल लगाए हैं और इस खेती सें हर महीने डेढ़ लाख के करीब कमाई कर रहे हैं.
किसान गजानन ने कहा कि, पहले मैं और मेरा पूरा परिवार मजदूरी का काम करता था, क्योंकि हमारे पास सिर्फ डेढ़ एकड़ जमीन थी. वहीं पारंपरिक फसलों से ज्यादा कमाई नहीं होती थी. इसलिए मुझे और मेरे परिवार गुजारा करने के लिए मजदूरी ही एक साधन था. लेकिन, कुछ साल पहले अपनी बहन के कहने पर डेढ़ एकड़ में देसी गुलाब और गेंदे के फूलों सें खेती की शुरुआत की. शुरुवाती दौर में छोटे मार्केट वाले एरिया में फूलों के हार बनाकर बेचते थे .उसी कमाई सें मिले पैसो सें डेढ़ एकड़ जमीन और खरीदी और उसमें भी फूल लगाए.
उन्होंने बताया कि हिंगोली में आठवा ज्योतिर्लिंग है यहां पर देश भर सें भक्त आते हैं, तो वहीं नांदेड़ में सिक्खों का धर्मस्थल गुरुद्वारा है. दोनों धर्म स्थलों पर फूलों की मांग खूब होती है. जैसे-जैसे फूलों की मांग बढ़ने लगी तो उसके हिसाब सें खेती को और बड़ा करना शुरू कर दिया. जब उत्पादन के लिए जमीन कम पड़ने लगी तो दूसरे किसान से कॉन्ट्रेक्ट पर तीन एकड़ जमीन ले ली. किसान गजानन ने अब छह एकड़ में गुलाब, गलांडा, निशिगंधा जैसे 10 किस्म के फूल लगाए हुए हैं. इससे किसान गजानन की हर महीने डेढ़ लाख रुपये कमाई होती है.
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किसान गजानन कहते है फूलों के लिए किसी खास किस्म की मिट्टी या फिर किसी सीजन की कोई जरूरत नहीं होती. वहीं आप मार्केट के हिसाब से यह खेती कर सकते हैं. इससे आपको ज्यादा नुकसान का डर भी नहीं रहता. इस फसल के लिए ज्यादा खर्च करने की भी जरूरत नहीं पड़ती, इसे हम ड्रिप के सहारे पानी दे सकते हैं इससे पौधों में पानी सही मात्रा में पहुंचता है और ज्यादा पानी नहीं लगता.
किसान गजानन माहोरे कहते हैं कि बढ़ती महंगाई और फसलों के गिरते दाम किसानों के लिए एक बड़ी समस्या हैं. अगर इस समस्या से बाहर निकलना है तो,छोटे किसानों को फूलों की खेती करनी चाहिए इसके लिए लागत भी कम लगती है और कम जगह में भी उत्पादन और आय अधिक होती है.
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