कभी देखा था सरकारी नौकरी का सपना, अब नर्सरी से मुनाफा कमा रहीं पुलवामा की साबिया 

कभी देखा था सरकारी नौकरी का सपना, अब नर्सरी से मुनाफा कमा रहीं पुलवामा की साबिया 

दक्षिण कश्‍मीर के पुलवामा की रहने वाली साबिया मुश्‍ताक और उनके पति इश्‍फाक अहमद आज जिले के जाने-माने फ्लोरिस्‍ट हैं. जो फूल कभी ये दोनों पॉलीबैग और मिट्टी के बर्तनों में उगाते थे आज उसी तरह के सैकड़ों फूलों की नर्सरी दोनों ने तैयार कर ली है. पॉलिटिकल साइंस में पोस्‍ट ग्रेजुएट सबिया ने सरकारी नौकरी पाने के कई असफल प्रयासों के बाद अपने पति के साथ अपना खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया.

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कभी देखा था सरकारी नौकरी का सपना, अब नर्सरी से मुनाफा कमा रहीं पुलवामा की साबिया साबिया ने नर्सरी में 3 लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया हैं

जिस तरह से पिछले कुछ सालों में जम्‍मू कश्‍मीर बदला है, उसी तरह से यहां का व्‍यवसाय और खेती भी बदलने लगी है. यहां के किसान अब खेती के नए तरीकों को अपनाकर सफलता की नई इबारत को गढ़ने लगे हैं. आज हम आपको यहां की एक ऐसी 'किसान' के बारे में बताएं जिनका सपना यूं तो सरकारी नौकरी करने का था लेकिन अब वह नर्सरी से अच्‍छी-खासी इनकम कर रही हैं. न केवल वह बल्कि उनके पति भी इससे अच्‍छी आय कमा रहे हैं. हैरानी की बात है कि दोनों ने एक साल से भी कम समय में सफलता का मुकाम छुआ है. 

बागवानी के शौकीनों का नया ठिकाना 

दक्षिण कश्‍मीर के पुलवामा की रहने वाली साबिया मुश्‍ताक और उनके पति इश्‍फाक अहमद आज जिले के जाने-माने फ्लोरिस्‍ट हैं. जो फूल कभी ये दोनों पॉलीबैग और मिट्टी के बर्तनों में उगाते थे आज उसी तरह के सैकड़ों फूलों की नर्सरी दोनों ने तैयार कर ली है. जैसे ही आप इनकी नर्सरी में दाखिल होंगे आपको एप्‍पल पाई ऑर्डर में सैप्‍लिंग करीने से रखी हुई नजर आ जाएगी. पिछले साल सबिया और उनके पति इश्फाक ने इस नर्सरी की स्थापना की. एक साल से भी कम समय में अब यह नर्सरी फूलों के शौकीनों, बागवानों और सजावट करने वालों के लिए एक नया ठिकाना बन गई है. 

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पॉलिटिकल साइंस में पोस्‍ट ग्रेजुएट 

ग्रेटर कश्‍मीर ने साबिया के हवाले से लिखा, 'हमें जिले भर के फूल प्रेमियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है.' पॉलिटिकल साइंस में पोस्‍ट ग्रेजुएट सबिया ने सरकारी नौकरी पाने के कई असफल प्रयासों के बाद अपने पति के साथ अपना खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया. उन्होंने बताया, 'मैं कभी-कभी व‍ेटिंग लिस्‍ट में होती तो कभी-कभी पूरी तरह से बाहर हो जाती थी. आखिर में फिर मैंने इस बिजनेस को शुरू करने का फैसला किया. साबिया और उनके पति ने नर्सरी शुरू करने के लिए पुलवामा शहर के किनारे सर्कुलर रोड के पास 15-मरला जमीन किराए पर ली. 

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तीन लोगों को मुहैया कराया रोजगार 

सबिया के अनुसार, बचपन से ही बागवानी और फूलों के लिए उनके प्यार ने उन्हें नर्सरी स्थापित करने और इसे एक सफल व्यवसाय में बदलने के लिए प्रेरित किया. साबिया के मुताबिक पति मुश्‍ताक को भी यह आइडिया काफी अच्‍छा लगा और  उन्होंने इसे स्थापित करने में उनकी मदद की. दंपति ने 8 लाख रुपये से ज्‍यादा का इनवेस्‍टमेंट और एक साल के अंदर ही वो अपनी नर्सरी में तीन लोगों को रोजगार देने में सक्षम हो गए. साबिया के अनुसार वो न सिर्फ अच्‍छी इनकम कमा रहे हैं बल्कि कम से कम तीन व्यक्तियों को रोजगार भी दे रहे हैं जो अब उनके साथ बतौर माली काम करते हैं. 

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तरह-तरह के फूल और पौधे 

फूलों के प्रेमी लगभग हर दिन नर्सरी में आते हैं और अपने घर के बगीचे को सजाने के लिए फूलों के पौधे और पौधों की कई किस्में खरीदते हैं. नर्सरी में फूलों के पौधों की एक विशाल रेंज है, जिसमें पेटुनिया, गजानिया, पोर्टुलाका, कार्नेशन और मैरीगोल्ड शामिल हैं. सबिया ने बताया कि पेटुनिया इस क्षेत्र में सबसे ज्‍यादा मांग वाली किस्मों में से एक है. साबिया ने अपनी नर्सरी में उपलब्ध फूलों के प्रकारों के बारे में अच्छी जानकारी भी हासिल की है. यह किस्म गुलाबी, बैंगनी, सफेद, लाल और पीले सहित कई रंगों में आती है. फूलों के पौधों में हाइड्रेंजिया, गुड़हल, और बोगनविलिया भी ग्राहकों को पेश किए जाने के लिए तैयार हैं.

सरकारी नौकरी से बेहतर अपना बिजनेस 

सबिया की मानें तो समय और अनुभव के साथ उन्‍हें भरोसा है उनका बिजनेस फलेगा-फूलेगा. शुरुआत में साबिया और उनके पति को कोई खास मुनाफा नहीं हुआ. लेकिन फिर भी उन्‍होंने उम्मीद नहीं खोई और कड़ी मेहनत जारी रखी. इस साल से हालात सुधरने लगे हैं. साबिया का कहना है कि उन्‍हें बेहतर बिक्री और ग्राहकों की बढ़ती दिलचस्पी साफ नजर आने लगी है. साबिया कहती हैं कि बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए अंतहीन इंतजार करने के बजाय अपनी रुचि और कौशल के आधार पर अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहिए.

 
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