Success Story: केले के बिस्किट खाए हैं कभी? इस किसान ने पेटेंट लेकर कायम की मिसाल, अब कमा रहे मुनाफा

Success Story: केले के बिस्किट खाए हैं कभी? इस किसान ने पेटेंट लेकर कायम की मिसाल, अब कमा रहे मुनाफा

जलगांव के यावल तालुका में रहने वाले क‍िसान अशोक प्रभाकर गाडे ने केले की खेती के साथ-साथ उसकी प्रोसेस‍िंग शुरू की. आज उन्हें इस काम में कम से कम 30 फीसदी का अच्छा खासा मुनाफा म‍िल रहा है. यही नहीं उनके बनाए गए अनोखे प्रोडक्ट के ल‍िए उन्हें 20 साल के ल‍िए पेटेंट भी म‍िल गया है. पढ़‍िए सफलता की यह कहानी. 

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Success Story: केले के बिस्किट खाए हैं कभी? इस किसान ने पेटेंट लेकर कायम की मिसाल, अब कमा रहे मुनाफाजलगांव के क‍िसान ने प्रोसेस‍िंग से बढ़ाई अपनी कमाई (Photo-Kisan Tak).

देश में ज्यादातर किसानों की समस्या है उनकी आय, जिसमें उनके खर्च और जरूरत पूरी नहीं हो पाती हैं. इस बीच कुछ क‍िसान ऐसे भी हैं जो कुछ नया कर रहे हैं, इनोवेशन के साथ खेती कर रहे हैं, प्रोसेस‍िंग से जुड़ रहे हैं और उनकी आय में भी इजाफा हो रहा है. महाराष्ट्र के जलगांव में रहने वाले अशोक प्रभाकर गाडे भी उन्हीं में से एक हैं. ये केले की खेती के साथ-साथ उसकी प्रोसेस‍िंग करके अच्छी कमाई कर रहे हैं. अशोक देश की मशहूर केला उत्पादक बेल्ट जलगांव से आते हैं. उनका घर यावल तालुका में है जहां केले की खेती सबसे ज्यादा होती है. गाडे केले की खेती के साथ-साथ उसका बिस्किट, चॉकलेट और नमकीन भी बनाते हैं.

केले का ब‍िस्क‍िट बनाने के ल‍िए इस क‍िसान को अगले 20 साल के ल‍िए पेटेंट म‍िला है. उनका यह यून‍िक प्रोडक्ट पूरे क्षेत्र में मशहूर है. वो द‍िन में 50 किलो ब‍िस्कुट बनाते हैं. बाजार में वो 600 रुपये किलो के ह‍िसाब से बेचते हैं और खर्चा आता है 400 के आसपास. जबक‍ि, केले का दाम इस समय 30 से 50 रुपये क‍िलो ही है. दूसरी ओर, इसका बना च‍िप्स 300 रुपये क‍िलो बेचते हैं और खर्च 200 रुपये से कम ही आता है.  

कुछ नया करके शुरू की अच्छी कमाई 

जो किसान इस बात से परेशान हैं क‍ि उनकी आय नहीं बढ़ रही है उन्हें महाराष्ट्र के इस क‍िसान से सीखना चाह‍िए. ज्यादातर क‍िसान इसी समस्या से जूझ रहे हैं क‍ि उन्हें उपज का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है. यह इस समय की कड़वी सच्चाई है.  किसानों का कहना है कि लागत बढ़ गई है लेकिन उन्हें मुनाफा नहीं मिल रहा है. मगर इन्हीं हालातों में नया रास्ता बनाने वाली एक और किसान हैं अन‍िता घोघरे. अनिता भी अपने खेत में उगाई गई हल्दी की प्रोसेस‍िंग करके बेचती हैं और उन्हें सामान्य हल्दी के मुकाबले तीन गुना दाम म‍िलता है. जबक‍ि अशोक प्रभाकर सामान्य केला बेचने की बजाय उसका ब‍िस्क‍िट और चॉकलेट बनाकर बेचते हैं. 

जलगांव के इस क‍िसान को केले के ब‍िस्कुट का म‍िला पेटेंट
जलगांव के इस क‍िसान को केले के ब‍िस्कुट का म‍िला पेटेंट

क‍िसान को पेटेंट म‍िलना गर्व की बात 

अशोक प्रभाकर ने बताया कि वह पहले स‍िर्फ केले की खेती करते थे. लेकिन उसमें अक्सर घाटा उठाना पड़ता था. इसल‍िए खुद के खेत में उगाए गए केले से कुछ बनाने का फैसला क‍िया. खुद ऑर्गेनिक तरीके से केले की खेती की. उसकी प्रोसेसिंग करना शुरू किया. यह स‍िलस‍िला 2010 से चल रहा है. केले का बिस्किट पहले क‍िसी ने नहीं बनाया था इसल‍िए उन्हें इसके ल‍िए पेंटेंट म‍िला. क‍िसी क‍िसान के ल‍िए यह बहुत बड़े गर्व की बात है.  

किसान के द्वारा बनाये इस केले के बिस्किट है डिमांड
इस केले के बिस्किट की है खूब डिमांड

क‍ितना कमा लेते हैं मुनाफा 

गाडे का कहना है क‍ि केले से बने प्रोडक्ट में वो 30 परसेंट का मुनाफा कमा लेते हैं. उनके उत्पाद अब बंगलूरू, मुंबई और इंदौर जैसे शहरों में सप्लाई होता है. खेती के साथ-साथ प्रोसेस‍िंग से जुड़ने के बाद वो इस काम में कई मह‍िलाओं को रोजगार भी दे रहे हैं. केले का आटा, जाम और पापड़ जैसे आइटम भी अब उनके यहां बनने लगे हैं. 

गाडे कहते हैं क‍ि हमने उपभोक्ताओं और उत्पादक के बीच से बिचौलियों की चेन तोड़ने का काम क‍िया. इसल‍िए खाने और बनाने वाले दोनों को फायदा है.वो उपभोक्ताओं तक अपने प्रोडक्ट की डायरेक्ट सप्लाई करवाते हैं. गाडे ने बताया क‍ि वो इस समय तीन हेक्टेयर में केले की खेती करते हैं और उसकी प्रोसेस‍िंग करके ब‍िस्क‍िट बनाते हैं. एक क्व‍िंटल केले में 20 क‍िलो ब‍िस्क‍िट तैयार हो जाता है. 

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