मध्य प्रदेश के किसानों ने मसाला फसलों के उत्पादन में नया कीर्तिमान बनाया है. 2023-24 में रिकॉर्ड 54 लाख टन से अधिक मसालों का उत्पादन करके मध्य प्रदेश ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया है. इसके लिए उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने प्रदेश के किसानों को बधाई दी है. उन्होंने इस सफलता का श्रेय किसानों की मेहनत और लगन को दिया है.
प्रदेश के किसानों ने पिछले 4 सालों में 2 लाख 16 हजार मीट्रिक टन मसाला फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी की है. इस राज्य को मिर्च के उत्पादन में दूसरा स्थान मिला है. खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कुशवाहा ने कहा कि किसानों के लिए यह जरूरी है कि वे पारंपरिक कृषि फसलों के साथ-साथ व्यावसायिक फसल जैसे, धनिया, हल्दी, मिर्च, अदरक, लहसुन और जीरा भी उगाएं. इन मसाला फसलों का उत्पादन कम समय में किया जा सकता है और बाजार में अच्छे दाम भी मिलते हैं. ऐसे में यह फसलें किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत बन सकती हैं.
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हरी मिर्च उत्पादन के मामले में, कर्नाटक देश के अन्य सभी राज्यों में आगे है. क्योंकि यहां की मिट्टी और जलवायु हरी मिर्च की खेती के लिए अनुकूल है. वहीं, बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल उत्पादित होने वाली हरी मिर्च उत्पादन में कर्नाटक अकेले 18.75 प्रतिशत का उत्पादन करता है. इसके बाद मध्य प्रदेश है, जहां कुल 18.62 प्रतिशत हरी मिर्च का उत्पादन होता है.
मंत्री ने किसानों को मसाला फसलों के साथ-साथ फ्लोरीकल्चर (फूलों की खेती) को भी अपनाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भी किसानों को राज्य और केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं. इसके अलावा, किसानों को सरकारी नर्सरियों से बेहतर क्वालिटी के बीज और पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी किसानों को मदद देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस और भंडारण सुविधाओं के लिए अलग-अलग योजनाएं बनाई गई हैं. इन योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता भी दी जा रही है, जिससे वे फसलों के बचाने और भंडारण में सक्षम हो सके.
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