छत्तीसगढ़ का महासमुंद जिला समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी में अभी प्रदेश में पहले नंबर पर है. पूरे छत्तीसगढ़ में एक नवंबर 2022 से 31 जनवरी 2023 तक समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की जा रही है. महासमुंद जिले में धान खरीदी वर्ष 2022-23 में अभी तक 15 अरब 17 करोड़ 76 लाख के 7 लाख 44 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है. पूरे छत्तीसगढ़ में महासमुंद जिला धान खरीदी में पहले नंबर पर है. जिले में धान खरीदी के लिए 169 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं जिसमें जिले के 152847 पंजीकृत किसान धान बेच रहे हैं.
महासमुंद के खाद्य अधिकारी अजय यादव ने बताया कि शासन की योजना के अनुसार समर्थन मूल्य पर 2022-23 के लिए एक नवंबर से धान की खरीद शुरू हुई है और 31 जनवरी 2023 तक चलेगी. जिले में धान खरीदी के लिए 169 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं जिसमें धान की खरीदी जारी है. अभी तक 7 लाख 44 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है और खरीद के खिसाब से महासमुंद जिला छत्तीगगढ़ में पहले नंबर पर है.
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खरीद का हिसाब लगाएं तो छत्तीसगढ़ धान खरीद के लक्ष्य से आगे चल रहा है. अभी तक 70 परसेंट से अधिक धान की खरीद किसानों से हो चुकी है. छत्तीसगढ़ देश के उन गिने-चुने राज्यों में शामिल है जहां किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद होती है. मौजूदा खरीफ सीजन 2022-23 में छत्तीसगढ़ 110 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य लेकर चल रहा है.
पिछले सीजन में छत्तीसगढ़ में किसानों से 98 लाख टन धान की खरीद की गई थी. इस साल सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में धान खरीद का लक्ष्य 11 परसेंट बढ़ा दिया है. हाल में एक खाद्य अधिकारी ने बताया कि अभी खरीदी का लगभग 15 दिन बाकी है, 72 परसेंट से अधिक धान की खरीद हो चुकी है. प्रदेश में धान खरीद का काम पिछले साल नवंबर में शुरू हुआ और 31 जनवरी तक चलेगा. इसके लिए छत्तीसगढ़ में 2600 प्राइमरी कॉपरेटिव सोसायटी बनाई गई हैं जहां धान की खरीद होती है.
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अभी हाल खाद्य विभाग की ओर से बताया गया था कि धान खरीद के लिए लगभग 19 लाख किसानों के खाते में 16,217 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. ये पैसे बैंक लिंकिंग सिस्टम यानी कि सीधा खाते में पैसे जमा कराए गए हैं. इस साल प्रदेश में लगभग 26 लाख किसान रजिस्टर्ड हैं जिनमें 226,000 नए किसान जुड़े हैं. केंद्र सरकार ने कॉमन ग्रेड धान का एमएसपी 2040 रुपये प्रति कुंटल और ग्रेड ए धान की कीमत 2060 रुपये निर्धारित की है.
छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को बोनस भी दे रही है जिसमें प्रति कुंटल धान के लिए 2500 रुपये दिए जा रहे हैं. इतनी अच्छी कीमत मिलने से छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों के किसान भी अपनी उपज छत्तीसगढ़ में बेचना चाह रहे हैं. इसलिए प्रशासन चौकस निगरानी कर रहा है कि बाहरी प्रदेश के धान यहां की मंडियों में नहीं बेचे जाएं. पड़ोसी राज्य से धान लाकर छत्तीसगढ़ में बेचना गैरकानूनी है.
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