हर कोई पढ़-लिखकर कोई अच्छी नौकरी करना चाहता है. पर क्या कभी आपने सुना है कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद किसी ने खेती और पशुपालन करना चुना हो. यहां तक कि अपनी नौकरी ही छोड़ दी हो. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के रहने वाले प्रणय कुमार दिनकर नागोसे ने इलेक्ट्रॉनिक में आईटीआई की पढ़ाई के बाद बकरी पालन का व्यवसाय शुरू किया है. उनका 10 बकरियों से शुरू हुआ बिजनेस अब परवान चढ़ चुका है. फिलहाल उनके पास अब 40 बकरियां हैं और वो इस कारोबार को और बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. कुछ दिनों से मुनाफे की वजह से बकरी पालन काफी चर्चा में है.
प्रणय कुमार बताते हैं कि उनके पास सिर्फ एक एकड़ खेत होने के कारण खेती पर निर्भर परिवार का बोझ उठाना मुश्किल हो रहा था. इसलिए उन्होंने कृषि के अतिरिक्त व्यवसाय के रूप में बकरी पालन शुरू किया. शुरुआत में 10 बकरियों को पालना शुरू किया. प्रणय कुमार की रुचि इस व्यवसाय में बढ़ी, क्योंकि उन्हें इससे अच्छी आय होने लगी. धीरे-धीरे कारोबार बढ़ता गया और आज उनके पास 40 बकरियां हैं. इसके लिए उन्होंने अपने खेत में ही अलग शेड बनाया है. इस बिजनेस से वह सालाना करीब ढाई लाख रुपये कमाते हैं. रोजगार के लिए प्रणय कुमार की अलग राह गढ़चिरौली जिले के बेरोजगार युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है.
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बकरी पालन के अतिरिक्त व्यवसाय के रूप में, प्रणय कुमार ने फार्म में ग्रामीण मुर्गी पालन व्यवसाय भी शुरू किया है. उनके पास फिलहाल करीब 70 मुर्गियां हैं. गावथी चिकन अंडे की अच्छी कीमत और मांग है. वे इससे पैसे भी कमाते हैं, उनके पास दो गायें हैं. इसके जरिये वे दूध का भी कारोबार करते हैं. दिलचस्प बात यह है कि ये सभी बिजनेस महज एक एकड़ जमीन में शुरू किए गए हैं.
प्रणय कुमार बताते हैं कि गढ़चिरौली जिले की जलवायु बकरी पालन के लिए बहुत फायदेमंद है. कृषि से जुड़ा यह एक बहुत अच्छा सह व्यवसाय है. इससे किसानों को अधिक कमाई का जरिया मिलता है. नौकरी के पीछे न जाकर अपना खुद का बिजनेस शुरू करने की जरूरत है. इसके लिए पारंपरिक फसलों की खेती के अलावा बकरी पालन, मुर्गी पालन और मछली पालन पर भी ध्यान देना होगा.
बकरी पालन एक अच्छा कारोबार बनकर उभर रहा है. बकरी को कम लागत में और किसी भी स्थान पर पाला जा सकता है. इनका रख-रखाव भी काफी आसान होता है. बाजार में इसके मांस की अच्छी कीमत भी मिलती है और बकरीद में पशुपालकों को इसके अच्छे रेट मिलते हैं. कुछ एनजीओ भी इस काम को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं. बकरी पालन एक बड़ी आबादी की आजीविका है. पशुपालन विभाग भी बकरियों को पालने का बढ़ावा दे रहा है. इसके पालन के लिए सरकार मदद दे रही है. अगर कोई किसान इस नस्ल की बकरियों का पालन फार्म बनाकर करेगा तो उसकी सालाना कमाई लाखों में हो सकती है.
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