देश में किसान अब मोटे अनाज की तरफ रूख कर रहे हैं. इससे किसानों की कमाई भी बढ़ गई है. खास कर मध्य प्रदेश के छिंडवाड़ा जिले में किसान बड़े स्तर पर मक्के की खेती कर रहे हैं. जिले के बीजकवाड़ा गांव में किसानों ने कमाल कर दिया है. इस गांव में किसान सबसे अधिक मक्के की खेती कर रहे हैं. ऐसे में इस गांव की पहचान स्वीट कॉर्न के रूप में हो गई है. लोग अब इस गांव को स्वीट कॉर्न ग्राम के नाम से जानने लगे हैं. इस गांव में उपजाए गए मक्के की सप्लाई सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी होती है.
जानकारी के मुताबिक, बीजकवाड़ा गांव में 36 किसान करीब 160 हेक्टेयर में मक्के की खेती कर रहे हैं. इससे इनके घर का खर्च चलता है. खास बात यह है कि यहां के किसान अपने मक्के की सप्लाई मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी करते हैं. इस साल किसानों ने अपनी मेहनत के बदौलत 2400 टन स्वीट कॉर्न का उत्पादन किया है, जिससे उन्हें 3 करोड़ 60 लाख रुपये की कमाई हुई है. इससे किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती है.
अब बीजकवाड़ा गांव के किसानों की सफलता को देख दूसरे गांव के किसानों ने भी मक्के की खेती शुरू कर दी है. बीजकवाड़ा गांव के आसपास के करीब 10 गांव के किसान अब मक्के की खेती कर रहे हैं. इससे इस इलाके में मक्के का रकबा बढ़कर 320 हेक्टेयर के करीब पहुंच गया है. वहीं, किसानों की संख्या 36 से बढ़कर 125 हो गई है. किसानों का कहना है कि मक्के की खेती करने से उनकी आय बढ़ गई है. वे अब अपने बच्चों को अच्छे स्कूल और कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं. वे बच्चों को तकनीकी शिक्षा के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
बता दें कि भारत सरकार देश में मोटे अनाज की खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित कर रही है. इसके लिए उसने श्रीअन्न योजना की शुरुआत की है. वहीं, कई राज्यों में मोटे अनाज की खेती करने पर किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है. ऐसे भी मक्के में काफी अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें विटामिन बी9, विटामिन ए, विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं. कहा जाता है कि स्वीट कॉर्न का सेवन करने से शरीर मजबूत रहता है. साथ ही चेहरे पर भी निखार आता है. यही वजह है कि धीरे- धीरे मार्केट में मक्के की डिमांड बढ़ रही है.
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