किसान धीरे-धीरे परंपरागत खेती छोड़ कर तकनीकी विधि से खेती की और अग्रसर हो रहे हैं, जो उनके लिए फायदा का सौदा साबित हो रहा है. इससे किसानों की आर्थिक उन्नति हो रही है. ऐसे किसान दूसरों किसानों के लिए आदर्श बन रहे हैं और परंपरागत खेती का त्याग कर न केवल अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं बल्कि प्राकृतिक संसाधनों को बचाने में अहम योगदान दे रहे हैं. ऐसे ही एक प्रगतिशील किसान हैं पवन, जो हरियाणा के करनाल जिले के सगोही गांव के रहने वाले हैं.
प्रगतिशील किसान पवन ने बताया कि वे कई वर्षों से नेट हाउस में खेती कर रहे हैं, जिसमें खीरा के अलावा अब रंग बिरंगी शिमला मिर्च लगा रहे हैं. इससे प्रति नेट हाउस उन्हें करीब 05 लाख रुपये का फायदा हो रहा है. अगर रेट सही रहें तो ये मुनाफा 10 लाख रुपये से भी ऊपर पहुंच जाता है. उन्होंने कहा कि रंग बिरंगी शिमला मिर्च की बाजार में भारी डिमांड हैं. बाजार में इसके रेट भी काफी अच्छे रहते है. इस खेती पर जो खर्च आता हैं, उसे निकालकर काफी बचत होती है.
किसान ने कहा कि रंग बिरंगी शिमला मिर्च की खेती अगस्त से शुरू करते है और 15 नवंबर तक हार्वेस्टिंग शुरू हो जाती है, जो कि फरवरी मार्च तक चलती रहती है. इस खेती को ड्रिप इरिगेशन से किया जाता है. साथ ही इसमें खाद आदि कम लगती है. उन्होंने कहा कि रंग बिरंगी शिमला मिर्च को दिल्ली बेचा जाता है. अगर दिल्ली के अलावा अन्य शहरों से आर्डर मिलते हैं तो वहां पर भेजा जाता है.
रंग बिरंगी शिमला मिर्च की खेती लाभदायक और फायदे वाली है. उन्होंने कहा कि सरकार पहले नेट हाउस आदि लगाने पर 65 प्रतिशत सब्सिडी देती थी, जो अब 50 प्रतिशत कर दी है. कृषि विभाग की ओर से किसानों से आह्वान किया जा रहा है कि वे नेट हाउस तकनीक से वैज्ञानिक तरीके से सब्जियों की खेती करें. इससे उन्हें भारी मुनाफा होगा.
बेशक किसान छोटे स्तर से खेती करें, लेकिन नई तकनीक उनके लिए फायदेमंद होगी. इससे उन्हें आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी. किसान ने कहा जब से नेट हाउस में खेती शुरू की है, उन्हें कभी नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि मुनाफा ही मुनाफा हुआ है. सरकार की तरफ से भी नेट हाउस के लिए 65 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है.
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