बिहार के किसान बिरेंद्र कुमार ने यह साबित कर दिया कि खेती में अच्छी तकनीक का इस्तेमाल कर न केवल अधिक उत्पादन पा सकते हैं, बल्कि इससे कई गुना कमाई भी बढ़ाई जा सकती है. किसान बिरेंद्र कुमार मुजफ्फरपुर जिले के गांव हरनाही के रहने वाले हैं जिन्होंने ड्रिप इरिगेशन की मदद से पानी की बचत करने के साथ ही फसलों की बेहतर उपज भी ली है. किसान बिरेंद्र कुमार आज 15 लाख रुपये की कमाई करते हैं और उससे उन्होंने अतिरिक्त 8 एकड़ जमीन किराये पर ली है जिसमें वे परवल की खेती करने जा रहे हैं.
बिरेंद्र कुमार बताते हैं कि वे मुख्य तौर पर परवल की खेती करते हैं और इसमें 6 साल से लगे हैं. वे बताते हैं कि पहले परवल की खेती में कई परेशानियां आती थीं जिसमें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. सबसे पहली परेशानी सिंचाई की थी. सिंचाई के लिए परवल को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता था जिससे उपज बहुत अधिक प्रभावित होती थी.
बिरेंद्र कुमार कहते हैं कि अब उनकी परवल की खेती बहुत अच्छी चल रही है क्योंकि वे ड्रिप सिंचाई यानी कि टपक विधि से सिंचाई करते हैं. इस सिंचाई विधि से अब खेती बहुत अच्छी चल रही है और फसलों के लिए पानी की टेंशन नहीं रहती. पहले जमीन के ऊंच-नीच होने से भी सभी पौधों को सही ढंग से पानी नहीं मिलता था. इससे भी उपज प्रभावित होती थी. लेकिन ड्रिप इरिगेशन ने इस समस्या को भी दूर कर दिया है.
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ड्रिप इरिगेशन की मदद से परवल के पौधों को एक समान पानी मिलता है इससे खेती अच्छी हो गई है. परवल की उपज बंपर मिल रही है. बिरेंद्र कुमार इस नई तकनीक के लिए बिहार सरकार और केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हैं. वे कहते हैं कि दोनों सरकारों की मदद से सब्सिडी पर उनके खेत में ड्रिप की पाइप बिछाई गई. सब्सिडी की मदद से कम पैसे में सिंचाई का बड़ा काम हो रहा है और अच्छी उपज मिल रही है.
किसान बिरेंद्र कुमार बताते हैं कि वे पहले 8 एकड़ में खेती करते थे. लेकिन ड्रिप सिंचाई की सुविधा मिलने के बाद अब वे अतिरिक्त 8 एकड़ में परवल की खेती करेंगे. कमाई के बारे में बिरेंद्र ने बताया कि ड्रिप मिलने से पहले परवल की खेती में न के बराबर इनकम होती थी. लेकिन जब से खेत में यह तकनीक लगी है, तब से वे परवल से सालाना 15 लाख रुपये कमा लेते हैं.
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किसान बिरेंद्र कुमार ने बताया कि 15 लाख रुपये की कमाई का ही नतीजा है कि उन्होंने अतिरिक्त 8 एकड़ खेत लिया है जिसमें वे परवल की खेती शुरू करने जा रहे हैं. वे किसानों को सलाह देते हैं कि ड्रिप से ही सिंचाई करनी चाहिए, खेत में यही तकनीक लगानी चाहिए क्योंकि इससे पानी की बचत के साथ खाद चढ़ाने का काम भी हो जाता है. जैसे परवल पर खाद देनी हो तो ड्रिप के पानी में मिलाकर उसे आसानी से दे सकते हैं. इससे फसल को अधिक फायदा होता है.
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