उत्तर प्रदेश में सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों यानी Wheat purchase centers पर एक अप्रैल से फसल की खरीद का काम चल रहा है. सरकार की तरफ से वर्ष 2023 के रबी सीजन के अंतर्गत गेहूं की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. प्रदेश में इस बार 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए पूरे प्रदेश में 5438 गेहूं खरीद के लिए केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन इस पूरी कवायद के बाद भी यूपी में गेहूं खरीद की प्रक्रिया बेहद ही धीमी है. असल में प्रदेश में अब तक 129229 किसानों ने अपनी फसल को बेचने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, लेकिन इसके बावजूद भी गेहूं खरीद केंद्र सूने पड़े हुए हैं.
असल में मौसम की मार के चलते गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ा है. वहीं खुले बाजार में किसानों को सरकार की तरफ से धोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP से अच्छा दाम भी मिल रहा है. बाजार में महंगे दाम पर गेहूं खरीद होने से ज्यादातर केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं किसानों को अब सरकार से गेहूं पर बोनस का इंतजार है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गेहूं खरीद के लिए कुल 42 केंद्र बनाए गए हैं. राजधानी के बाजारों में किसानों का गेहूं सरकारी रेट से महंगे दामों पर खरीदा जा रहा है, जिसका असर गेहूं खरीद केंद्र पर देखा जा रहा है. जिले के मोहनलालगंज बंथरा केंद्र पर कुल 3 एजेंसियां गेहूं खरीद के लिए लगाई गई हैं. वहीं अब तक 325 किसानों ने गेहूं खरीद के लिए अपना रजिस्ट्रेशन भी कराया है, लेकिन इसके बावजूद अभी तक 18 दिनों में मात्र 5 किसानों से गेहूं खरीद हुई है.अब तक केंद्र पर 190 क्विंटल गेहूं खरीदा गया है. प्रदेश की राजधानी में गेहूं खरीद कि यह आंकड़ें निराशाजनक हैं. मोहनलालगंज बंथरा केंद्र के प्रभारी श्याम प्रकाश ने किसान तक को बताया कि वह रोजाना 5 से 6 किसानों को फोन करके उनसे गेहूं बेचने का अनुरोध करते हैं, लेकिन बाजार में गेहूं का दाम ऊंचा होने के चलते किसान केंद्र पर नहीं पहुंच रहे हैं.
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मार्च महीने में बेमौसम बारिश की वजह से किसानों की गेहूं की फसल को 40 से 50 फ़ीसदी तक नुकसान पहुंचा है, जिसके चलते गेहूं के उत्पादन पर भी असर पड़ा है. सरकारी गेहूं खरीद केंद्र पर पहुंच रहे ज्यादातर किसानों का गेहूं के दाने काफी कमजोर है . इसके बावजूद भी किसानों का गेहूं बिना किसी कटौती के खरीदा जा रहा है.
बेमौसम बारिश के चलते फसलों को काफी नुकसान हुआ है. इस वजह से किसानों को सरकार से बोनस का इंतजार है. लखनऊ के मोहनलालगंज बंथरा गेहूं खरीद केंद्र के प्रभारी श्याम प्रकाश ने बताया कि किसान इसलिए भी केंद्र पर अभी गेहूं लेकर नहीं आ रहे हैं क्योंकि उनको सरकार से बोनस का इंतजार है. अगर सरकार की तरफ से किसानों को बोनस की घोषणा की जाती है तो खरीद केंद्रों पर भीड़ जुटने लगेगी.
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