यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के गांवों को आधुनिक सेवाओं से संवारने में अब जनभागीदारी की भी पहल की है. योगी ने कहा है कि शहरों से हर मामले में स्वस्थ स्पर्धा कर रहे यूपी के गांव जल्द ही खुद को संवारने में शहरों को सबक देते नजर आएंगे. सीएम योगी ने तरक्की की चाहत में गांव छोड़ कर देश विदेश में जा बसे लोगों को अपना गांव संवारने में योगदान करने की पहल के साथ 'मातृभूमि योजना' का आगाज किया. जीवन में सफल बनने की चाहत के साथ गांव से दूर जा बसे यूपी के लोग अपने मकसद में कामयाब होने के बाद अब इस योजना के तहत गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य और सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं उन्नत बनाने में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकेंगे. योगी ने अपने तरह की इस अनूठी योजना काे प्रदेश के ग्रामीण विकास की दिशा में मील का पत्थर बताते हुए दावा किया कि जल्द ही न केवल यूपी के गांव स्वच्छता के मामले में शहरों से स्पर्धा करेंगे, बल्कि गांव वालों के द्वारा ही अपने गांव को संवार कर शहरों में भी मातृभूमि योजना लागू करने के लिए नजीर साबित होंगे. योगी ने स्मार्ट गांव बनाने की दिशा में बीते 6 सालों के दौरान बेहतरीन काम करने वाली 370 ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत भी किया.
सीएम योगी ने रामायण का जिक्र करते हुए कहा कि जन्म भूमि स्वर्ग से भी ज्यादा सुखदाई होती है. यह बात अपना गांव छोड़कर दूर जा बसे लोग शिद्दत से महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि इस भाव से भरे अनगिनत लोग अपनी मातृभूमि के लिए कुछ करने की चाहत रखते हैं. ऐसे लोग मातृभूमि योजना के तहत अपने गांव को संवारने में योगदान देकर ग्रामीण विकास के मामले में सरकार के हमराही बन सकेंगे.
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योगी ने कहा कि पंचायती राज विभाग इस योजना को लागू करेगा. उन्होंने विभाग से ऐसी व्यवस्था करने को कहा, जिसके माध्यम से इस योजना के तहत पैसा देने वाले व्यक्ति को गांव के विकास में व्यय की गई एक-एक पाई का हिसाब दिया जा सके. उन्होंने बताया कि इस योजना में 60 फीसदी पैसा अपनी मातृभूमि के लिए कुछ करने की सोच रखने वाला व्यक्ति देगा और 40 फीसदी पैसा एवं जमीन राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी.
इस दौरान सीएम योगी ने मातृभूमि योजना से जुड़ने वाले प्रवासी भारतीयों से संवाद भी किया. लगभग 21 साल से अमेरिका के कैलिफोर्निया में रह रहे संजीव राजौरा ने योगी से कहा कि वह बुलंदशहर जिले में अपने गांव के विकास कार्यों में सहयोग करने के इच्छुक थे. इसी बीच यूपी सरकार का मातृभूमि योजना से जुड़ने का मौका मिलना उनके लिए सौभाग्य की बात है.
कैलिफोर्निया में ही 23 साल से रह रहे मोदीनगर के विवेक चौधरी ने सीएम योगी से कहा कि इस योजना ने दुनिया भर में रह रहे यूपी के प्रवासियों की मुंह मांगी मुराद पूरी कर दी. चौधरी ने अपने गांव में हेल्थ एटीएम लगाने और गांव के स्कूल को स्मार्ट बनाने में वित्तीय मदद देने की पेशकश की.
इस मौके पर योगी ने इस योजना की सफलता का भरोसा जताते हुए कहा कि साफ मंशा से शुरू की गई यह योजना ग्रामीण विकास की मंजिल को पाने में मददगार साबित होगी. उन्होंने कहा कि इससे गांवों में स्वस्थ स्पर्धा का भी माहौल बनेगा. इससे गांव में रह रहे लोग भी अपने गांव को संवारने में मदद करने के लिए प्रेरित होंगे. खासकर गांव को गंदगी से बचाने, जल संचय करने और नागरिक सेवाओं की बहाली में सजग नागरिक के तौर पर सक्रिय भूमिका निभाने के लिए गांव वालों को प्रेरणा मिलेगी.
योगी ने कहा कि पहले लोगों को पता था कि प्रदेश सरकार के बजट में बंदरबांट हो रहा है. देश विदेश में बसे लोग इसी वजह से अपनी मातृभूमि के लिए चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते थे, क्योंकि वे जानते थे कि जो पैसा वे भेजेंगे, उसमें भी बंदरबांट हो जाएगा.
सीएम योगी ने इस मौके पर यूपी सरकार की 'मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना' के तहत 370 उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को श्रेष्ठता सम्मान से नवाजा. ये पंचायतें स्वच्छता, नागरिक सेवाओं और महिला सशक्तिकरण जैसे मानकों पर खरी उतरी है. इसके अलावा योगी ने 'राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना' के तहत 3,145 ग्राम पंचायत सचिवों को लैपटॉप वितरित कर पंचायतों को हाई टेक बनाने की पहल को गति प्रदान की. इन पंचायतों को 5 श्रेणियों में पुरस्कृत करते हुए पहले स्थान पर आने वाली पंचायत को 11 लाख रुपये, दूसरे पायदान पर रहीं पंचायतों को 9 लाख रुपये, तीसरे स्थान पर रही पंचायतों को 6 लाख रुपये, चौथे स्थान पर रही पंचायतों को 4 लाख रुपये और 5वें स्थान पर रही पंचायतों को 2 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया.
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर यूपी में 10 नगर निगम, स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रहे हैं. वहीं 7 नगर निगमों को सरकार राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के तहत स्मार्ट नगर निगम बना रही है. उन्होंने ग्राम प्रधानों से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ग्राम पंचायतों को विकास की धुरी बताया है. इनके विकास के लिए केंद्र और राज्य की दोनों सरकारें पैसा दे रही हैं. उन्होंने ग्राम प्रधानों ने इस अवसर का लाभ उठाने की अपील करते हुए कहा कि गांवों को भी शहरों से ज्यादा स्मार्ट बनाने की दिशा में वे काम करके अपने गांव को नजीर बना सकते हैं.
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सीएम योगी ने कहा कि स्मार्ट गांव बनने के रास्ते पर चल रहे गांवों में ग्राम सचिवालय बनाने के अलावा गांव को ऑप्टिकल फाइबर से लैस किया गया है. इसके साथ ही गांव में जल निकासी की समुचित व्यवस्था करना, एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाना, अच्छी सड़कें बनाना, गांव वालों को सभी जरूरी ऑनलाइन सेवाएं मुहैया कराने के लिए ग्राम सचिवालय में कंप्यूटर ऑपरेटर तैनात करना और बीसी सखी तैनात करना भी गांव को स्मार्ट बनाता है. इन योजनाओं के माध्यम से सरकार प्रदेश की ग्राम पंचायतों को स्मार्ट बना रही है. उन्होंने कहा कि गांव स्मार्ट बनेंगे तो आत्मनिर्भर भी बन सकेंगे.
सीएम योगी ने कहा कि अपनी ग्राम पंचायत को स्मार्ट बनाने की स्पर्धा पहले गांव गांव में हो, उसके बाद गांवों और शहरों के बीच सरकार स्वच्छता की प्रतिस्पर्धा कराएगी. उन्होंने कहा कि अब ज्यादातर गांव में पक्की नाली और अच्छी सड़कें बन चुकी हैं. उन्होंने प्रधानों से बरसात आने के मद्देनजर गांव की नालियों में कूड़ा न रहने देने की भी अपील की.
योगी ने स्मार्ट गांव की जरूत पर बल देते हुए कहा कि ग्राम सचिवों को लैपटॉप मिलने से पंचायतें डिजिटल हो जाएंगी. इससे पंचायत सचिवों का काम आसानी से कम समय में हो जाएगा. इससे ग्राम पंचायत के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी और पीएम मोदी के ई गवर्नेंस के मिशन को भी बल मिलेगा. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर तकनीक का सबसे मारक प्रहार होता है, लेकिन इसका उपयोग हो, दुरुपयोग न होने पाए.
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