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Rural Development in UP : गांव वाले ही करेंगे गांव का विकास, सब कामों के लिए होगा प्रश‍िक्षण

Rural Development in UP : गांव वाले ही करेंगे गांव का विकास, सब कामों के लिए होगा प्रश‍िक्षण

यूपी में योगी सरकार ग्रामीण विकास के कामों में गांव वालों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करेगी. इसमें ग्रामीण विकास के तहत होने वाले निर्माण कार्य गांव के ही राजमिस्त्रियों से कराने से लेकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका मिशन का लाभ अन्य महिलाओं तक पहुंचाने जैसे ग्रामीण विकास से जुड़े तमाम काम गांव वालों से ही कराए जाएंगे.

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यूपी के गांवों में बने ये वही अमृत सरोवर हैं जो मनरेगा के प्रश‍िक्ष‍ित मजदूरों ने बनाए हैं, फोटो: किसान तक यूपी के गांवों में बने ये वही अमृत सरोवर हैं जो मनरेगा के प्रश‍िक्ष‍ित मजदूरों ने बनाए हैं, फोटो: किसान तक

यूपी में योगी सरकार एवं राज्य राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत गांवों में स्थानीय स्तर पर लोगों को आजीविका के साधन जुटाने के अवसर गांव में ही मुहैया कराने के लिए व्यापक पैमाने पर प्रशिक्षण अभियान शुरू कर दिया है. यूपी के उपमुख्यमंत्री एवं ग्रामीण विकास मामलों के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पहल पर 'ट्रेनर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम' चलाया गया है. इसके तहत 4.82 लाख ग्रामीणों को प्रश‍िक्ष‍ित किया जाएगा. इनमें भवन निर्माण से लेकर स्वयं सहायता समूह और एफपीओ संचालकों सहित तमाम अन्य लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा. यह कार्यक्रम 2023 में साल भर चलेगा. इनमें स्वयं सहायता समूह की 19 हजार महिलाओं के अलावा दुग्ध उत्पादक समूहों से जुड़ी 1.5 लाख महिलाएं और 28 हजार राजमिस्त्री भी शामिल हैं.

महिलाओं के प्रशिक्षण पर जोर

एनआरएलएम की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक प्रशिक्षण की इस मुहिम में सरकार ने महिलाओं को वरीयता दी है. इसके पीछे महिलाओं द्वारा स्वयं सहायता समूह का कुशलता पूर्वक संचालन करने के उत्साहजनक परिणाम सामने आना प्रमुख वजह है. मिशन की ओर से जारी ट्रेनिंग कलेंडर के मुताबिक पहले चरण में स्वयं सहायता समूहों का कुशल संचालन कर रही लगभग 1 हजार महिलाओं को 'उद्योग सखी' के रूप में प्रश‍िक्ष‍ित शुरू कर दिया गया है. इन महिलाओं को समूह में गांव के स्थानीय उत्पाद बनाकर बाजार में बेचने के लिए कारोबार से जुड़ी जरूरी जानकारियों से लैस किया जा रहा है.

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इसमें एनआरएलएम के तहत 919 महिलाओं काे 17 मई से 03 जून तक अलग अलग बैच में प्रशिक्षण दिया जाना है. इस बीच एनईआरटीपी के 2 बैच की 84 महिलाओं का 3 दिवसीय प्रशिक्षण 17 से 19 मई के बीच लखनऊ स्थि‍त 'सहभागी शिक्षण केंद्र में हो चुका है. इन दोनों बैच में अलीगढ़, गोरखपुर, देवरिया, चंदौली, हमीरपुर, प्रयागराज और सुल्तानपुर की महिलाओं को उद्यमी बनाने का प्रशिक्षण कराया गया है. इसके अलावा 919 महिलाओं का प्रशिक्षण लखनऊ के रहमानखेड़ा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान में 3 जून तक 5 बैच में कराया जाएगा. विभाग की ओर से बताया गया कि कृष‍ि उद्योग सखी का प्रशिक्षण लेने के बाद ये महिलाएं गांव की अन्य महिलाओं काे प्रशिक्षित करेंगी.

28 हजार राजमिस्त्री होंगे प्रशिक्षित

योगी सरकार ने गांव का काम गांव वालों के ही हाथों से कराने की मुहिम के तहत ग्रामीण विकास में निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी गांव के ही राजमिस्त्रियों को देने की पहल की है. इसकी शुरुआत ग्रामीण इलाकों में गरीबों को सस्ते आवास देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने का काम गांव के ही राजमिस्त्रियों को देने के साथ हुई है.

कर्मचारी भी होंगे प्रशिक्षित

सरकार ने समग्र ग्रामीण विकास के उद्देश्य को प्राप्त करने में सरकारी कर्मचारियों की भी अहम भूमिका को देखते हुए उन्हें भी ग्रामीण विकास योजनाओं काे बेहतर तरीके से लागू करने के लिए प्रश‍िक्ष‍ित करने की पहल की है. इसके तहत सभी संबद्ध विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं तमाम कामों से जुड़े ग्रामीणों को प्रशिक्षण देकर उन्हें गांव के चहुंमुखी विकास कराने में दक्ष बनाया जा रहा है. इसके तहत राज्य, जिला एवं क्षेत्रीय स्तर पर ग्राम विकास संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण के 14 हजार सत्र आयोजित किए जायेंगे. इनमें कुल 4 लाख 82 हजार प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जाएगा. 

राज्य ग्राम्य विकास संस्थान के अपर निदेशक बीडी चौधरी ने बताया कि उपमुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रभावी कार्ययोजना बनाकर प्रशिक्षण सत्रों का नियमित रूप से आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत जिला स्तर पर 11,719 ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित कर 3.98 लाख लोगों को ग्रामीण विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी. जबकि राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले 2378 ट्रेनिंग प्रोग्राम में लगभग 84 हजार प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जाएगा. 

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ट्रेनिंग प्रोग्राम में मनरेगा, जल जीवन मिशन, स्वच्छता अभियान, मृदा एवं जल संरक्षण विधियों, रूरल मिशन ट्रेंनिंग, सड़क निर्माण, ग्रामीण विकास से जुड़े तमाम अन्य कामों में कौशल विकास, जागरूकता अभियान, महिला सशक्तिकरण, और कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के अलावा कृषक चर्चा मण्डल एवं कृषक महिला समूहों के साथ जुड़े लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा कर्मचारियों और ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं को लागू करने के परिणाम एवं प्रभाव के बारे में सही जानकारी जुटाने के लिए सोशल ऑडिट की प्रक्रिया से भी अवगत कराया जाएगा.