घरों में गर्मी का प्रकोप कम और घर में ठंडक बनी रहती है.अब इसके महत्व को देखते आज के समय में गोबर प्राकृतिक पेंट बनाए जाने लगा है.बाजार में मिलने वाले केमिकल वाले पेंट लोगों की जेब के साथ-साथ सेहत पर भी असर डाल रहे हैं, इसके चलते उत्तर प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयंसहायता समूह के द्वारा गाय गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है.राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इसकी बढ़ती मांग और जरूरत को देखते हुएराज्य सरकार की ओर से महिला स्वयं सहायता समूह को गोबर का प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए हर संभव मदद की जाएगी. इसके साथ प्राकृतिक पेंट बनाने की विधि व प्रक्रिया समझाने के लिए समूहों को विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.. गोबर से पेंट बनाने का काम उन्नाव जनपद में शुरू हो चुका है.वही अब इस काम को राज्य के अन्य जिलों में भी शुरू करने के प्रयास तेज हो चुके हैं. पार्वती स्वयं सहायता समूह घटपुरी के द्वारा बदायूं जनपद में गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाए जाने का काम किया जा रहा है.
महिलाओं के इस कार्य का उत्साहजनक परिणाम मिले हैं. समूह को खादी और ग्रामोद्योग विभाग से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत ऋण भी दिया जाता है. खादी विभाग से ऋण में अनुदान का भी प्रावधान है. इस तरह के काम के लिए मनरेगा द्वारा शेड और बिल्डिंग और सिविल वर्क की व्यवस्था की जाती है. वही इस कार्य के लिए समूह के महिलाओ का अंशदान और आजीविका मिशन से भी राशि दी जाती है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस तरह के काम को बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया है
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उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा की गोबर के माध्यम से बनने वाले प्राकृतिक पेंट से जहां गौआश्रय स्थल ,गौशालाओं की आमदनी बढ़ेगी तो वही समूह के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. इस तरह के कार्य से रोजगार सृजन होगा तो वही महिला स्वावलंबन सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता की दिशा में भी यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक सी इंदुमती ने बताया शिव पार्वती महिला स्वयं सहायता समूह घटपुरी के द्वारा गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण के कारोबार में सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं की अच्छी खासी आमदनी हो रही है. उन्नाव जनपद के नवाबगंज विकासखंड में अन्नपूर्णा प्रेरणा महिला लघु उद्योग नामक स्वयं सहायता समूह द्वारा भी पेंट बनाया जा रहा है. प्रदेश के कई अन्य कई जिलों में भी इस तरह की योजना है. वाराणसी, मथुरा, अलीगढ़ ,अमेठी और प्रतापगढ़ में भी पेंट निर्माण के प्रोजेक्ट शीघ्र स्थापित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है.
गोबर के माध्यम से बनाए जाने वाले प्राकृतिक पेंट के स्वास्थ्य के लाभ के साथ-साथ घर को प्राकृतिक सुरक्षा कवच भी मिलता है. यह पेंट एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल ,पर्यावरण के अनुकूल है. प्राकृतिक उष्मा रोधक , किफायती , विश्व मुक्त और गंध रहित है जबकि बाजार में मिलने वाले केमिकल वाले पेंट लोगों की जेब के साथ-साथ सेहत पर भी असर डालते हैं.
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