अभी तक किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की मदद से किसानों को बैंक से बहुत मामूली Interest Rate पर 3 लाख रुपये तक का लोन मिल जाता है. यूपी में मछली पालन को कृषि के दायरे में नहीं रखे जाने के कारण मछुआरों को इस तरह की सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता था. यूपी के मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद ने किसान तक को बताया कि लंबे संघर्ष के बाद अब यूपी में मछली पालन को कृषि के दायरे में शामिल कर लिया गया है. इससे मछुआरों को भी किसान मानते हुए अब किसान कल्याण से जुड़ी सभी योजनाओं का लाभ मिलने लगा है. डॉ. निषाद ने कहा कि मछली पालन के क्षेत्र में माफिया तंत्र का समूल नाश करने के लिए भी अहम फैसला हुआ है. गरीब मछुआरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने वाले इस फैसले में मछुआरों को Bank Loan Without Guarantee मिलने की राह सुगम हुई है.
डॉ. निषाद ने कहा देश भर में मछली पालन क्षेत्र को माफिया के चंगुल से मुक्त कराने की लड़ाई यूपी से लड़ी गई. इसके लिए उन्होंने मछुआरों को बैंक से वित्तीय मदद दिलाने का मुद्दा पीएम नरेंद्र मोदी के संज्ञान में लाया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के दखल पर RBI ने सभी बैंकों से देश के मछुआरों को बिना गारंटी 1.60 लाख रुपये तक का लोन देने का आदेश पारित कर दिया है. इसके लिए मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर मछुआ क्रेडिट कार्ड मिलेगा.
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उन्होंने दावा किया कि यूपी में योगी सरकार ने मछुआरों को माफिया के चंगुल से मुक्त करने के लिए माकूल कार्रवाई तेज कर दी है. जहां मछुआरों के नाम पर दूसरे लोग मछली का कारोबार कर रहे थे, सरकार ने उनके पट्टे रद्द कर माफिया तत्वों की पूंजी को जब्त कर वास्तविक लाभार्थी मछुआरों को बैंक से लोन दिलाकर पट्टों का पुन: आवंटन किया है.
डॉ. निषाद ने कहा कि मछली पालन को कृषि के दायरे में शामिल किए जाने के बाद मछुआरों को भी किसान कल्याण की योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हुआ है. इस आधार पर मछुआरों को क्रेडिट कार्ड दिलवाने के बाद अब उनकी अगली लड़ाई मछुआरों को किसान सम्मान निधि में भी शामिल कराना है. उन्होंने कहा कि वह इस मामले को जल्द ही पीएम मोदी के समक्ष उठाएंगे. उन्होंने कहा कि वह पीएम मोदी से मिलकर मांग करेंगे कि मछली पालकों को भी किसान सम्मान निधि के दायरे में लाकर उन्हें भी किसानों की तरह 6 हजार रुपये सालाना सम्मान राशि मिले.
सरकारी योजनाओं में मछुआरों को प्राथमिकता दिलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यूपी में प्राथमिकता के आधार पर मछली पालन के लिए अनुदान देने की व्यवस्था की गई है. इसके मत्स्य पालन विभाग प्राथमिकता का शासनादेश जारी कर रहा है. इसमें प्राथमिकता के आधार पर पहले मछुआरों को ही सरकारी योजनाओं का अनुदान मिलेगा. मछुआरों को अनुदान मिलने के बाद जो अनुदान राशि बचेगी उसे अन्य समुदायों के आवेदकों में वितरित किया जाएगा. जिससे अन्य वर्गों के मछली पालकों को भी सरकारी अनुदान का लाभ मिल सकेगा.
डाॅ. निषाद ने कहा कि अब यूपी के मछुआरों को तकनीक से लैस करने की मुहिम तेज हुई है. विभाग ने मछुआरों को मत्स्य पालन की आधुनिक तकनीक सिखाने के लिए यूपी के हर जिले में एक Training Canter खोलने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने मछुआरों प्रशिक्षण देने सहित अन्य लाभ पहुंचाने के लिए मछुआ कल्याण कोष बनाया है. इसके माध्यम से मछली पालन के क्षेत्र में शिक्षण प्रशिक्षण के लिए यूपी के मछुआरे ओडिशा और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में भेजे जाएंगे. इस योजना के तहत पहली बार यूपी से 400 मछुआरों का दल प्रशिक्षण लेने के लिए इन राज्यों में जाएगा.
मछुआरों को मिलने वाली अन्य सुविधाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि यूपी के सभी मछली पालकों का एक Online Network बनेगा. इसके माध्यम से सरकार मछली पालकों को उनके इलाके के मौसम एवं अन्य स्थानीय हालात के हिसाब से बताएगी कि उन्हें कब मछली पकड़ना है, कब बीज डालना है, कब दाना और दवाई देना है.
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इसके अलावा यूपी में 5 बड़ी High tech Fish Mandi भी बनेंगी. इसके तहत पहली मंडी बनारस में बन रही है, गोरखपुर में प्रस्तावित है, इसके बाद मेरठ, मथुरा और झांसी में भी बनाई मछली मंडी जाएगी. यूपी में मछुआरों को PM KUSUM येाजना के तहत किसानों की तरह सोलर पंप मिलने के अलावा Solar Freezer भी मिलेंगे.
इसी तरह यूपी में मछली पालन का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा बनवाए गए अमृत सरोवरों में भी मछुआरों को मछली पालन करने की अनुमति दी जाएगी. साथ ही मछुआरों के परिवार कल्याण को भी ध्यान में रखते हुए सरकार ने मछुआ कल्याण कोष की मदद से पहली बार मछुआरों के बच्चों को IAS, PCS Coaching कराने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि मछुआरे पढ़ेंगे तभी बढ़ेंगे. इसी तरह मछुआरों को यूपी में अब आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा भी मिलने लगी है. इससे अब मछुआरों को समय से इलाज मिल जाता है.
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