खनन संबंधी कानून के तहत मौजूदा व्यवस्था में मिट्टी सहित अन्य खनिजों के निजी इस्तेमाल के लिए खनन करना कानूनी तौर पर प्रतिबंधित है, मगर यूपी में योगी सरकार ने ग्रामीण इलाकों में किसानों को खनन कानून के तहत निजी उपयोग के लिए मिट्टी का खनन करने और लाने ले जाने की सशर्त छूट दी है. पिछले महीने जून के अंतिम सप्ताह में यूपी सरकार ने किसानों को Mine Mitra Portal पर Online Permit लेकर निश्चित मात्रा में मिट्टी का खनन करने की सुविधा दी थी. सरकार ने इस मामले से जुड़े नियमों में अब और ज्यादा ढील देते हुए किसानों को ऑनलाइन अनुमति लेने के बजाय सिर्फ ऑनलाइन पंजीकरण करके सूचित करने मात्र की औपचारिकता को बहाल रखा है. किसानों को खनन की अनुमति लेने से छूट देने का मकसद उन्हें अनावश्यक उत्पीड़न से बचाना है.
यूपी के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में निदेशक डॉ रोशन जैकब ने बताया कि अपने खेत से ही निजी उपयोग के लिए मिट्टी का खनन करने पर किसानों का उत्पीड़न होने की शिकायतें मिल रही थीं. यूपी सरकार ने इन पर संज्ञान लेते हुए किसानों के लिए खनन नियमों में ढील दी है.
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उन्होंने बताया कि अब किसानों के लिए मिट्टी खनन में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए नियमों में ढील देते हुए Mine Mitra Portal को लांच किया गया. किसान द्वारा 100 घन मीटर तक मिट्टी के खनन के लिए केवल इस पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए आवेदन करना होता है. ऑनलाइन आवेदन करते ही किसान का स्वत: पंजीकरण हो जाता है. इस आधार पर किसानों के लिए निजी उपयोग हेतु मिट्टी का खनन करना और एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना मान्य हो जाता है.
डॉ जैकब ने बताया कि इस बदली हुई व्यवस्था के बारे में जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को भी अवगत कराया जा चुका है. इसके लिए गृह विभाग द्वारा भी स्पष्ट रूप से निर्देश जारी कर दिए गए हैं. जिससे स्थानीय पुलिस एवं डायल यूपी 112 के पुलिसकर्मियों द्वारा मिट्टी अथवा बालू के किसी वैध या अवैध परिवहन की चेकिंग, स्वत: संज्ञान लेकर नहीं की जाएगी.
गौरतलब है कि मॉनसून की पहली बारिश होने पर ग्रामीण इलाकों में किसानों को कृषि एवं अन्य कामों के लिए मिट्टी की जरूरत होती है. किसानों द्वारा अपने खेत या अन्य किसी स्थान से मिट्टी का खनन करने पर मिट्टी या बालू के अवैध खनन की आशंका में स्थानीय पुलिस द्वारा नियमित चैकिंग के दौरान किसानों को कथित तौर पर परेशान किए जाने की शासन को शिकायत मिल रही थीं. इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने किसानों के लिए खनन नियमों में ढील दी है. इस मामले में पारदर्शिता लाने के लिए विभाग की ओर से अन्य कई निर्देश जारी किए गए हैं.
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भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के अपर निदेशक विपिन कुमार जैन ने बताया कि किसान अपने निजी उपयोग के लिए अपने खेत से साधारण मिट्टी के खनन एवं परिवहन करने के लिए माइन मित्रा पोर्टल पर पंजीकरण करने का आवेदन कर सकते है. पंजीकरण कराने से पहले किसानों को पोर्टल पर अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर भरकर लॉगिन आईडी बनानी होगी.
लॉगिन करने के बाद खनन के पंजीकरण का पेज खुलेगा. जिसमें आवेदक का नाम, मोबाइल नंबर, खनन की जाने वाली साधारण मिट्टी की मात्रा, खतौनी, खनन का प्रयोजन, आवेदन से जुड़े खनन क्षेत्र का पूर्ण विवरण यथा जनपद, तहसील, ग्राम, गाटा नंबर, गंतव्य स्थान की जानकारी देनी होगी. इसके पश्चात सम्बंधित किसान को पोर्टल से स्वत: पंजीकरण प्रमाण-पत्र प्राप्त होगा. पंजीकरण प्रमाण-पत्र ही परिवहन प्रपत्र के रूप में मान्य होगा. इसे साथ रखकर किसान खनन के बाद मिट्टी को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकेंगे.
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