यूपी में बुंदेलखंड क्षेत्र को अब तक खेती-बाड़ी के लिहाज से बेहद पिछड़ा इलाका माना जाता रहा है. केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में योगी सरकार ने बीते कुछ सालों में बुंदेलखंड पर खास फोकस करके इस इलाके को खेती की दुश्वारियों से बाहर निकालने के लिए Farmers Income बढ़ाने वाली योजनाएं शुरू की हैं. इनका लाभ उठाकर किसान अब गरीबी के दुश्चक्र से बाहर आने के जनत कर रहे हैं. खेती के माध्यम से ही गरीबी के दुश्चक्र से बाहर आने वाले किसान गुंची लाल झा को इस साल मोदी सरकार ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर मेहमान आमंत्रित किया है. झांसी जिले में चिरगांव तहसील के रहने वाले झा, इस इलाके के पहले ऐसे किसान हैं, जिन्हें ये सम्मान हासिल हुआ है. झा ने मोदी सरकार द्वारा पूरे देश में किसानों के 10 हजार FPO बनाने की योजना का लाभ उठाकर महज दो साल में न केवल खुद को बल्कि 300 अन्य किसानों को गरीबी के जाल से बाहर लाने का काम किया है.
मोदी सरकार ने किसानों को कारोबारी बनाने के लिए पूरे देश में 10 हजार कृषक उत्पाद समूह यानी FPO बनाने की पहल की थी. इसके तहत यूपी में National Bank of Agriculture and Rural Development (NABARD) और Small Farmers’ Agribusiness Consortium (SFAC) सहित अन्य संस्थाओं की मदद से किसानों के एफपीओ बनाए गए.
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स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के झांसी के चिरगांव एफपीओ को आमंत्रित किया गया है। यह एफपीओ इनपुट और आउटपुट दोनों ही क्षेत्र में मूंगफली के प्रसंस्करण पर काम कर रहा है।#agrigoi #SpecialGuestIDC #IDC2023 #HarGharTiranga #independenceday2023 #FPO@nstomar @swachhbharat pic.twitter.com/NNt2qKoGHB
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) August 11, 2023
झा ने बताया कि अभी उनका एफपीओ शेयरधारक किसानों से मूंगफली खरीदता है. समूह द्वारा इसकी प्रोसेसिंग कर बेहतर गुणवत्ता का मूंगफली दाना पैक करके तमाम कंपनियों को बेचा जाता है. उन्होंने बताया कि उनका समूह मूंगफली दाने को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म My Store के माध्यम से भी बेचता है.
ऑनलाइन कारोबार से मुनाफा ज्यादा होने की दलील देते हुए उन्होंने अब समूह के कारोबार को बढ़ाने की भावी योजना भी 'किसान तक' के साथ साझा की. सरकारी योजनाओं से मिल रही मदद के सवाल पर उन्होंने बताया कि फार्म मशीनरी बैंक के तहत उनके समूह को ट्रैक्टर, रोटावेटर, भूसा बनाने की मशीन और खेत की गहरी जुताई करने वाला प्लाऊ मिला है. इसकी मदद से समूह के किसानों के लिए खेती करना आसान हुआ है. उन्होंने कहा कि अब एफपीओ ने किसानों से हरी मटर की खरीद भी शुरू कर दी है.
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झा ने कहा कि दो साल में ही कारोबार 40 लाख रुपये सालाना के स्तर पर पहुंचने के बाद अब उनके एफपीओ ने कारोबार को बढ़ाने का फैसला किया है. इसमें सरकारी योजनाओं की मदद से अब फूड प्रोसेसिंग के काम काे बढ़ाया जाएगा. इसके लिए यूपी सरकार की हाल ही में लागू हुई Food Processing Policy 2023 के तहत फ्लोर मिल और मूंगफली का दाना निकालने वाली मशीन को लगाया जाएगा.
इससे मैदा और गेहूं का आटा बेचने के साथ ही समूह ने जैविक गेहूं का दलिया एवं जैविक आटा भी बेचने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का डीपीआर बन गया है. जल्द ही इसके लिए आवेदन कर दिया जाएगा. झा ने बताया कि इस यूनिट के लगने के बाद चालू वित्त वर्ष में उनके समूह ने सालाना कारोबार एक करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है.
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