योगी सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर ऊर्जा के जरिए रोशन करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. इसके लिए 4 लेन वाले 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ सोलर पैनल लगाने की तैयारी शुरू हो गई है. इस परियोजना को पीपीपी मॉडल के जरिए मूर्त रूप दिया जाएगा. इसके तहत हाईवे के मेन कैरिज वे और सर्विस लेन के बीच खाली पड़े 15 से 20 मीटर चौड़ाई वाले क्षेत्र को भी सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा से लैस किए जाने की योजना है.
योगी सरकार ने यूपी में औद्योगिक विकास को गति देने के साथ ही औद्योगिक गलियारों, खासकर हाइवे के रख-रखाव एवं सुविधाओं में वृद्धि के लिए अब सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की है. सीएम कार्यालय की ओर से बताया गया कि यूपी में उच्च गुणवत्ता वाले हाईवे के निर्माण और रख-रखाव के साथ ही इसे सौर ऊर्जा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें, Solar city: सूरज की रोशनी से रोशन होगी अयोध्या, सोलर सिटी के लिए 41 गावों का हुआ चयन
यूपीडा के मुताबिक, 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर ऊर्जा चालित एक्सप्रेस-वे के तौर पर विकसित करने की विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) तैयार की गई है. डीपीआर के मुताबिक काम करने के इच्छुक कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं. इसके अंतर्गत, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सौर एक्सप्रेस-वे के तौर पर विकसित करने के लिए सोलर पैनल्स को इंपैनल किया जाएगा.
ये भी पढ़ें, Farmers Income: अब किसान बेचेंगे बिजली, खरीदेगा बिजली विभाग, जानें क्या है NEDA की ये योजना
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे यूपी का सबसे आधुनिक सुविधा संपन्न एक्सप्रेस-वे में शुमार है. ऐसे में, इसे सौर ऊर्जा से संचालित करने की पहल से इसे नई पहचान मिलेगी. ज्ञात हो कि 4 लेन वाले 296 किमी लंबे इस हाईवे में मेन कैरिज वे और सर्विस लेन के रूप में दो हिस्से हैं. इन्हीं दोनों के बीच लगभग 15 से 20 मीटर चौड़ाई की पट्टी वाला क्षेत्र पूरे एक्सप्रेस-वे में फिलहाल खाली है. इस जगह को कृषि भूमि से अलग करके बाड़ लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. अब इसी क्षेत्र को सोलर पैनल से पाटने की योजना है. इससे पूरा एक्सप्रेस-वे सौर ऊर्जा से लैस हो जाएगा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today