फसल बीमा के क्लेम में 48 परसेंट की गिरावट, किसानों को इस साल मिले 13728 करोड़ रुपये

फसल बीमा के क्लेम में 48 परसेंट की गिरावट, किसानों को इस साल मिले 13728 करोड़ रुपये

सरकार ने बताया है कि साल 2020-21 में किसानों से फसल बीमा क्लेम के 6.23 करोड़ आवेदन मिले. इसके लिए बीमा एजेंसियों ने 20,425 करोड़ रुपये जारी किए. दो सीजन की बात करें तो इस बार रबी सीजन में क्लेम में गिरावट देखी गई है. 2020-21 में 1.48 करोड़ हेक्टेयर खेत की फसलों का बीमा क्लेम दिया गया.

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फसल बीमा के क्लेम में 48 परसेंट की गिरावट, किसानों को इस साल मिले 13728 करोड़ रुपयेसाल 2020-21 में किसानों से फसल बीमा क्लेम के 6.23 करोड़ आवेदन मिले

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत किसानों को दिए जाने वाले क्लेम में 48.7 परसेंट की कमी आई है. यह आंकड़ा मौजूदा वर्ष का है. इस स्कीम की शुरुआत 2016 में की गई थी और इसे पूरे देश में एक साथ चलाया जाता है. इसकी जानकारी खुद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दी है. कृषि मंत्री ने बताया कि इस साल फसल बीमा क्लेम के 8.31 करोड़ आवेदन मिले जिनके लिए 13,728 करोड़ रुपये दिए गए हैं. हालांकि पिछले साल से क्लेम की राशि कम है.

सरकार ने बताया है कि साल 2020-21 में किसानों से फसल बीमा क्लेम के 6.23 करोड़ आवेदन मिले. इसके लिए बीमा कंपनी ने 20,425 करोड़ रुपये जारी किए. दो सीजन की बात करें तो इस बार रबी सीजन में क्लेम में गिरावट देखी गई है. 2020-21 में 1.48 करोड़ हेक्टेयर खेत की फसलों का बीमा क्लेम दिया गया. जबकि 2021-22 में यह क्लेम 79.03 लाख हेक्टेयर के लिए दर्ज किया गया है. यह आंकड़ा रबी सीजन के लिए है.

बीमा क्लेम में गिरावट

इस साल खरीफ सीजन के क्लेम में भी गिरावट देखी गई है. पिछले साल 2.39 करोड़ हेक्टेयर के लिए क्लेम दिया गया जबकि इस साल 2.2 करोड़ हेक्टेयर की फसल के लिए बीमा दिया गया.

एक्सपर्ट इस गिरावट को लेकर अचंभित हैं. उनका मानना है कि किसानों के दावे में गिरावट ऐसे वक्त में देखी गई है जब इस साल फसल बीमा योजना में सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन हुए हैं. सरकारी आंकड़े से ही इस बात की जानकारी मिली है.

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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया है कि पीएम फसल बीमा योजना आवेदनों के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है. ओवरऑल प्रीमियम के आधार पर देखें तो यह स्कीम दुनिया में तीसरे स्थान पर है. पहले स्थान पर कनाडा और दूसरे स्थान पर इटली की योजना का नाम है. एक स्टडी बताती है कि किसानों के फसल बीमा आवेदन के मामले में पीएम फसल बीमा योजना पहले नंबर पर है जबकि ग्रॉस प्रीमियम के मामले में दुनिया में इसका पहला स्थान है. 

क्या है फसल बीमा योजना

PMFBY वह योजना है जो किसानों को प्राकृतिक जोखिमों के कारण फसल नुकसान के लिए बड़े स्तर पर बीमा प्रदान करती है. संबंधित राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित फसलों/क्षेत्रों के लिए रिस्क की गणना बुवाई से पहले से कटाई के बाद तक की जाती है. इस योजना के तहत किसानों को खरीफ फसलों के लिए 2 परसेंट और रबी फसलों के लिए 1.5 परसेंट प्रीमियम का भुगतान करना होता है. कमर्शियल या बागवानी फसलों के बीमा के लिए किसानों को 5 परसेंट प्रीमियम देना होता है.

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भारत सरकार ने फसलों की जानकारी लेने और बीमा आदि के क्लेम के लिए एक बीमा पोर्टल शुरू किया है. इस स्कीम के तहत खाद्य फसलें जैसे कि अनाज, बाजरा और दालें, तिलहन, नकदी फसलें और बागवानी फसलों को कवर किया जाता है. जोखिम क्या होंगे, इसकी भी लिस्ट सरकार ने जारी की है. इसमें बताया गया है कि युद्ध और आत्मीय खतरे, परमाणु जोखिम, दंगा, दुर्भावनापूर्ण क्षति, चोरी, घरेलू या जंगली जानवरों द्वारा चरे जाने और अन्य रोके जा सकने वाले जोखिमों को कवरेज से बाहर रखा जाएगा.

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