Kisan Diwas: टिकट के लिए बेटे का नाम लेने पर मुलायम स‍िंंह को चौधरी चरण स‍िंह ने जब लगाई थी डांट

Kisan Diwas: टिकट के लिए बेटे का नाम लेने पर मुलायम स‍िंंह को चौधरी चरण स‍िंह ने जब लगाई थी डांट

चौधरी चरण सिंह को कुछ लोगों ने कहा कि आपका बेटा विदेश से लौटकर आ गया है, उसे भी पार्टी में शामिल कर चुनाव लड़ा देते हैं. इस पर वो सिरे से अजित सिंह की एंट्री को खारिज कर देते थे.

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Kisan Diwas: टिकट के लिए बेटे का नाम लेने पर मुलायम स‍िंंह को चौधरी चरण स‍िंह ने जब लगाई थी डांट एक कार्यक्रम के दौरान चौधरी चरण सिंह और मुलायम सिंह यादव साथ-साथ.

कहा जाता है कि पूर्व पीएम और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह अपने उसूलों के बहुत ही पक्‍के थे. जिस चीज का विरोध कर दिया तो फिर उसमे अपने सगे-संबंधियों को भी नहीं बख्‍शा. बड़ी पब्‍लिक मीटिंग में भी अपनों के विरोध में खड़े हो जाते थे. ऐसे ही कुछ मौकों पर उन्‍होंने अपने बेटे चौधरी अजित सिंह का भी विरोध किया था. यही वजह रही है कि जब आखिरी वक्‍त में बीमारी के चलते वो बेहोश थे तो उस वक्‍त ही अजित सिंह की सियासत में एंट्री हो पाई थी. कहा जाता है क‍ि एक समय, जब मुलायम स‍िंह ने अजीत स‍िंह के नाम की घोषणा चुनावी ट‍िकट द‍िए जाने को लेकर की, तो मंच से चौधरी चरण स‍िंह ने उन्हें डांट द‍िया था. ज‍िसका क‍िस्सा, हम आपको आगे बताने जा रहे हैं.  

वहीं एक बार चौधरी चरण सिंह को हार्ट अटैक आया था. उनकी तबियत कुछ ज्‍यादा ही खराब हो गई थी. इलाज के लिए उन्‍हें विदेश ले जाया गया. इस दौरान वो पूरी तरह से बेहोश थे. तब आखिरी मौके पर अजित सिंह को पार्टी में शामिल किया गया था.

बोले- विदेश से पढ़कर आया है, यह देश को नहीं समझेगा

चौधरी चरण सिंह के करीबी और चार यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर रहे डॉ. केएस राना ने ऐसा ही एक किस्‍सा याद करते हुए किसान तक को बताया कि एक बार मथुरा के डेम्‍पियर नगर में पब्‍लिक मीटिंग हो रही थी. चौधरी चरण सिंह मंच पर भाषण दे रहे थे. बात भारतीय सियासत की हो रही थी. उन्‍होंने कहा कि जो गांव और किसान को जानता है, उनकी परेशानियों को समझता है उसे देश की सियासत में आने का हक है. लेकिन राजीव गांधी ने जहाज उड़ाए हैं. विदेश में पढ़े हैं. मेरा बेटा खुद अजित सिंह विदेश में पढ़ा है तो ऐसे लोगों के लिए सियासत में कोई जगह नहीं है.

 

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अजित सिंह के विरोध में मुलायम सिंह को लगा दी डांट

डॉ. राना खान किस्‍सा याद करते हुए बताते हैं कि लोकसभा चुनावों में किसे, कहां से टिकट देनी है इसको लेकर लिस्‍ट पढ़ी जा रही थी. मुलायम सिंह यादव खड़े होकर लिस्‍ट पढ़ रहे थे. कई बड़े नेताओं के अलावा चौधरी देवीलाल भी मौजूद थे. मथुरा का नाम आते ही अजित सिंह का नाम बोला गया. जिस पर चरण सिंह ने कहा कि यह कौन है. राजनीति में जिसे मैं नहीं जानता और आप उसे मथुरा से टिकट दे रहे हैं, तो आखिर यह है कौन. तब देवीलाल ने उनसे कहा कि यह तुम्‍हारा छोरो है. इस पर उन्‍होंने मुलायम सिंह को डांट लगाते हुए कहा कि तू तो मेरे से राजनीति सीख रहा है. फिर तू कैसे परिवारवाद की बात कर सकता है. मुझे तुझ से ऐसी उम्‍मीद नहीं थी. और यह कहकर वो उस मीटिंग को छोड़कर चले गए. 


परिवारवाद हावी हुआ तो ग्रामीण युवा पीछे रह जाएंगे

डॉ. राना ऐसा ही एक और किस्‍सा बताते हैं कि चौधरी चरण सिंह और गोबिंद वल्‍लभ पंत ने हमेशा से परिवारवाद को लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू का विरोध किया. साथ ही वो कहते थे कि कोई किसी बड़े नेता का बेटा-बेटी है, भतीजा या भाई है सिंह इसलिए उसे राजनीति में जगह दे दी जाए यह गलत है. ऐसे तो वो लोग जो जमीन पर मेहनत कर रहे हैं और ग्रामीण हैं यह सब पीछे रह जाएंगे. नेता के परिवार में से भी कोई नेता बन सकता है, लेकिन उसने जमीन पर मेहनत की हो और जनता के बीच से निकलकर आया हो वो चुनाव लड़ सकता है.

 

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